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निपुण भारत मिशन के तहत बीईओ से लेकर संकुल शिक्षक तक बनाएंगे आदर्श विद्यालय, Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । निपुण भारत मिशन के तहत जिले में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब ब्लॉक स्तर से लेकर शिक्षक स्तर तक सभी जिम्मेदार अधिकारियों को आदर्श विद्यालयों के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए प्रत्येक विकासखंड में आदर्श स्कूलों की संख्या बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है।राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश पर स्कूलों का चिह्नांकन कार्य प्रारंभ हो चुका है। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन), एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप) और शिक्षक संकुल को इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। बीईओ को बीआरसी परिसर या उसके निकटवर्ती प्राथमिक या कंपोजिट स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना होगा।
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इसी क्रम में डायट मेंटर को भी एक आदर्श विद्यालय चयनित करना होगा। एसआरजी को अपने मूल विद्यालय को, जबकि एआरपी को विकासखंड के दस चयनित विद्यालयों को निपुण और आदर्श बनाने का निर्देश दिया गया है। शिक्षक संकुल भी अपने मूल विद्यालय को आदर्श रूप में विकसित करेंगे। इसके अलावा जो शिक्षक पूर्व में एआरपी रह चुके हैं, उन्हें अपने वर्तमान विद्यालय को बेहतर बनाना होगा।इस योजना की निगरानी और मूल्यांकन हेतु दिसंबर 2025 और फरवरी 2026 में डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से आंकलन भी कराया जाएगा। शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है कि सभी चयनित विद्यालय निपुण मानकों पर खरे उतरें। इस दिशा में वार्षिक लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं, जिससे मिशन को गति मिल सके और बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध हो।यह पहल जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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