शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
जनपद के स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ताजा मामला जलालाबाद क्षेत्र के नगरिया CHC का है, जहां सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल चार लोगों को उपचार के लिए लाया गया। लेकिन वहां मौजूद रहना तो दूर, अस्पताल में कोई डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, घायलों को जब अस्पताल लाया गया, उस समय चिकित्सा अधीक्षक समेत पूरा स्टाफ गायब था। एकमात्र वार्ड ब्वॉय ने जैसे-तैसे घायलों की मरहम पट्टी करने की कोशिश की, लेकिन गंभीर रूप से घायल युवक की स्थिति बिगड़ती चली गई। एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया, लेकिन जब तक मदद पहुंचती, तब तक एक घायल युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मौके पर मौजूद लोगों ने 108 और 112 नंबरों पर फोन कर मदद मांगी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। मजबूरी में परिजन निजी वाहन से दो घायलों को लेकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए। इस पूरी घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि CHC नगरिया में यह कोई पहली घटना नहीं है। अक्सर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और स्टाफ की मनमानी आम बात हो गई है। सवाल यह है कि जब CHC पर न तो डॉक्टर हैं और न ही एंबुलेंस, तो आम जनता आखिर जाए तो कहां?
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से जनता में आक्रोश है। सवाल उठता है कि आखिर इन व्यवस्थाओं का जिम्मेदार कौन है? क्या किसी की जवाबदेही तय होगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा
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