शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
गंगा एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद में रनवे बनने से अब देश में 13 एक्सप्रेस-वे रनवे से युक्त हो गए हैं। इन एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ आसानी से हो सकती है। यह कदम भारत की सैन्य ताकत को और भी सशक्त बनाता है। इन एक्सप्रेस-वे पर एयर स्ट्रिप्स का निर्माण युद्ध, आपातकाल और आपदा राहत कार्यों के लिए किया गया है, जिससे वायुसेना की क्षमता में शक्ति में वृद्धि हुई है। यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है।
सेवानिवृत्त एयर मार्शल अशोक गोयल कहते हैं कि आज के बदलते समय में सुरक्षा और रणनीति के लिहाज़ से बुनियादी ढांचे की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। भारत ने इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने कई हाईवे और एक्सप्रेस-वे को ऐसा स्वरूप दे दिया है कि उन पर जरूरत पड़ने पर वायुसेना के फाइटर जेट्स भी उतारे जा सकते हैं। यह पहल न केवल आपातकालीन स्थितियों में देश की सैन्य प्रतिक्रिया को सशक्त बनाती है, बल्कि भारत की रणनीतिक क्षमता को भी एक नई ऊंचाई देती है।
13 प्रमुख एक्सप्रेस-वे जो बन गए हैं एयरबेस:
1. यमुना एक्सप्रेस-वे (दिल्ली-आगरा)लंबाई: 166 किलोमीटर, एयर स्ट्रिप: मथुरा के पास 3 किलोमीटर लंबी
पहली लैंडिंग: 15 मई 2015 को सुखोई-30 MKI विमान ने सफल लैंडिंग की।यह पहला एक्सप्रेस-वे था जिसे आपात रनवे के रूप में इस्तेमाल किया गया। इससे भारत ने अपने सैन्य दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की।
2. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वेः लंबाई: 302 किलोमीटर, एयर स्ट्रिप: उन्नाव जिले में 3.5 किलोमीटर, पहली लैंडिंग: 24 अक्टूबर 2017 को पांच फाइटर जेट्स ने एक साथ लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। यह एयर स्ट्रिप उच्च तकनीक के साथ तैयार की गई है और इसमें राफेल, मिग-29 जैसे विमानों की लैंडिंग संभव है।
3. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (लखनऊ-गाजीपुर) लंबाई: 341 किलोमीटर, एयर स्ट्रिप: सुल्तानपुर जिले में 3.2 किलोमीटर, पहली लैंडिंग: 16 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में सुखोई, मिराज जैसे विमानों ने लैंडिंग की। यह रनवे सबसे आधुनिक सुविधाओं से लैस है और पूर्वी उत्तर प्रदेश की सामरिक स्थिति को सुदृढ़ करता है।
4. दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और राजस्थान को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे सेना के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। प्रस्तावित एयर स्ट्रिप पर विशेष अभियानों के दौरान वायुसेना की त्वरित तैनाती संभव होगी।
5. मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वेः महाराष्ट्र के इस सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे पर एक विशेष एयर स्ट्रिप तैयार की जा रही है। यह पश्चिम भारत में सैन्य सामर्थ्य को बल प्रदान करेगा।
6. बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस-वेः दक्षिण भारत में इस एक्सप्रेस-वे को फाइटर जेट्स की लैंडिंग के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। यह नौसेना और वायुसेना के समन्वय में भी उपयोगी सिद्ध होगा।
7. हैदराबाद-विजयवाड़ा एक्सप्रेस-वेः तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाला यह हाईवे दक्षिण भारत में रणनीतिक पहुंच को मजबूत करेगा।
8. कोलकाता-धनबाद एक्सप्रेस-वेः यह पूर्वी भारत के लिए बेहद अहम है। यहां प्रस्तावित एयर स्ट्रिप वायुसेना को झारखंड और बंगाल के खनिज क्षेत्र में तेजी से पहुंचने की सुविधा देगी।
9. अमृतसर-जालंधर एक्सप्रेस-वेः पंजाब के इस एक्सप्रेस-वे पर सेना की गतिशीलता अत्यंत आवश्यक है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्र के कारण। प्रस्तावित रनवे उत्तरी मोर्चे की रक्षा करेगा।
10. चंडीगढ़-लुधियाना एक्सप्रेस-वेः यह एक्सप्रेस-वे सेना और वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिससे पठानकोट और अन्य सैन्य अड्डों की पहुँच बेहतर हो सके।
11. अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेस-वेः गुजरात के इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे को रणनीतिक उपयोग में लाने के लिए प्रस्तावित रनवे बनाया जा रहा है, जिससे पश्चिमी समुद्र तट की सुरक्षा में तेजी लाई जा सके।
12. नागपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वेःयह मध्य भारत का हृदयस्थल है। यहां वायुसेना की तैनाती और संचालन को सुगम बनाने के लिए रनवे का निर्माण किया जा रहा है।
13. गंगा एक्सप्रेसवे शाहजहांपुर जलालाबाद उत्तर प्रदेशः इस एक्सप्रेसवे की खासियत है कि यहां से चीन की सीमा करीब 250 किलोमीटर दूर है। पाकिस्तान की सीमा करीब 840 किलोमीटर है।
इन एक्सप्रेस-वे पर बनाए गए एयर स्ट्रिप्स वायुसेना के विमानों के लिए किसी भी संकट की स्थिति में त्वरित लैंडिंग और टेकऑफ के अवसर प्रदान करेंगे। इसके अलावा, ये रनवे आपातकालीन परिस्थितियों में भी सैन्य प्रतिक्रिया को तेज करने में सहायक होंगे।
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