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महिला सुरक्षा: बाईपास का pink booth, बनकर रह गया सफेद हाथी

महिला सुरक्षा के लिये जहां अनेक कार्यक्रम और अभियान चलाकर महिला सशक्तिकरण का नारा दिया जा रहा है वहीं बाईपास चौराहे पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया पिंक बूथ पुलिस विभाग की लापरवाही और उपेक्षा के कारण सफेद हाथी बनकर रह गया है।

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Anurag Mishra
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शाहजहांपुर,वाईबीएनसंवाददाता

महिला सुरक्षा जनपद की सबसे बड़ी तहसील तिलहर में बाईपास चौराहा महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया पिंक बूथ पुलिस कर्मियों के तैनात ना होने के कारण सफेद हाथी बनकर रह गया है। नगर का महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती न होने के कारण अनेक घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं।रेलवे स्टेशन और हाईवे पर रोडवेज से उतरकर अनेक स्थानों पर जाने के लिए महिलाएं और छात्राएं बाईपास चौराहे पर आवागमन करती है। यातायात का प्रमुख स्थान होने के कारण बाईपास चौराहे को पिंक महिला बूथ के लिए चयनित किया गया था। तत्कालीन कोतवाल सुरेंद्र सिह ने जन सहयोग से पिंक बूथ का निर्माण कराया था। 
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 सुबह को लगा रहता असामाजिक तत्वों का जमावड़ा

सुबह तड़के परीक्षा देने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं का बड़ी संख्या में बाईपास चौराहे से आवागमन होता है। डिग्री कॉलेज, फ्यूचर कॉलेज , तथा विद्यालयों में ड्यूटी के लिए जाने वाली शिक्षिकाएं बड़ी संख्या में बाईपास चौराहे से आवागमन करती हैं। इस दौरान यहां पर सामाजिक तत्वों का रहता है ऐसे में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। कईबार छात्राओं से छेड़खानी और मारपीट की घटनाएं हो चुकी है। कई बार महिला पुलिस कार्यों की ड्यूटी लगाने की मांग की जा चुकी है।

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विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता ने की महिला  कर्मियों की तैनाती की मांग

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विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार शर्मा  उर्फ़ पप्पू शर्मा पुलिस क्षेत्राधिकारी से मांग की है कि बाईपास चौराहे पर खाली पड़े पिंक बूथ पर शिफ्ट वाइज महिला कर्मियों की तैनाती की जाए ताकि बाईपास चौराहे पर महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर रोक लगा सके और महिलाओं तथा छात्राओं में सुरक्षा की भावना पैदा हो सके। उन्होंने कहा योगी सरकार और मोदी सरकार दोनों ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अभियान चलाकर अनेक योजनाएं दे रहे हैं। किंतु महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लापरवाही के कारण अनेक घटनाएं सुनने में आ रही है यदि पिंक बूथ पर जल्द महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती न की गई तो संगठन इसके खिलाफ आवाज उठाएगा।  

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