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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI भी अब राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का हिस्सा बनेगा। इस खेल विधेयक को बुधवार, 23 जुलाई को संसद में पेश किया जाएगा। खेल मंत्रायल के एक सूत्र ने बताया कि सभी राष्ट्रीय महासंघों की तरह बीसीसीआई को भी इस विधेयक को हिस्सा बनाया जाएगा। सूत्रों ने इस बारे में बताया कि अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों की तरह, बीसीसीआई को भी इस विधेयक के कानून बनने के बाद देश के नियमों का पालन करना होगा। क्रिकेट को 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में शामिल कर लिया गया है, जिससे बीसीसीआई पहले ही ओलंपिक प्रणाली का हिस्सा बन चुका है। खेल प्रशासन विधेयक का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि समय पर चुनाव हों, प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहे और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करते हुए एक मजबूत खेल ढांचा तैयार किया जाए।
विधेयक की भूमिका पर खेल मंत्री का बड़ा बयान
हाल ही में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रस्तावित खेल प्रशासन विधेयक देश के खेल प्रशासकों को अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्री ने बताया कि इस विधेयक के तहत एक स्वायत्त बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को मान्यता देने और वित्तीय सहायता प्रदान करने का अधिकार होगा। बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित महासंघ सभी आवश्यक शर्तों, और साथ ही उच्चतम शासन, वित्तीय पारदर्शिता और नैतिक मानकों का पालन करें।
रोजर बिन्नी को मिल सकता है विधेयक से फायदा
इस विधेयक में प्रशासकों की आयु सीमा से जुड़े नियमों में रियायत दिए जाने का प्रावधान भी शामिल है। अब 70 से 75 वर्ष की उम्र वाले व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकेंगे, बशर्ते कि अंतरराष्ट्रीय खेल संस्थाएं इसके खिलाफ आपत्ति न करें। विधेयक के अनुसार, राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) में एक अध्यक्ष होगा और इसके अन्य सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
चयन समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे- कैबिनेट सचिव या खेल सचिव (अध्यक्ष के रूप में), भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के महानिदेशक, दो अनुभवी खेल प्रशासक (जो किसी राष्ट्रीय खेल संस्था में अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष रह चुके हों), एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी, जिसे द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न या अर्जुन पुरस्कार मिल चुका हो।