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शॉट खेलते कपिल देव
नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। 5 जून 1986, भारत और इंग्लैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला लंदन के ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स में खेला गया था। टीम इंडिया के लिए लॉर्ड्स के मैदान ने अभी तक कोई नरमी नहीं बरती थी। 1986 से पहले खेले गए 10 मैचों में भारतीय टीम एक भी मैच नहीं जीत सकी। भारत और इंग्लैंड के बीच इस मैदान पर पहला मैच 1932 में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया को 158 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार भारतीय युवा जोश लॉर्ड्स से लोहा लेने के लिए तैयार था और टीम की अगुवाही कर रहे थे 27 वर्षीय कपिल देव।
5 विकेट से मिली लॉर्ड्स पर जीत
भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड की तरफ से ग्राहम गूच और टिम रोबिंसन ने ओपनिंग जोड़ी के रूप में मैदान पर उतरे। टीम ने पहली पारी में 10 विकेट के नुकसान पर 294 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज ग्राहम गूच ने 114 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से चेतन शर्मा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट अपने नाम किए। कपिल देव और मानिंदर को एक- एक जबकि रोजर बिन्नी को तीन विकेट मिले। अब टीम इंडिया मैदान पर थी। इस मैच में सुनील गावस्कर और श्रीकांत सलामी बल्लेबाज के रूप में मैदान पर उतरे। भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम का पहला विकेट 31 रन के स्कोर पर ही गिर गया। इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ और दिलीप बेंगसकर ने आकर बिखरती पारी को संभाला। मोहिंदर ने 69 और बेंगसकर ने 126 रनों की शानदारी खेली। भारतीय टीम 341 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
दूसरी पारी में इंग्लिश बल्लेबाज कपिल देव और मानिंदर सिंह की गेंदबाजी का सामना नहीं कर सके। टीम के पांच विकेट 115 रन के स्कोर पर ही गिर गए। भारतीय गेंदबाजों ने अंग्रेजों को लगातार झटके दिए। आखिरकार टीम 180 रन के स्कोर पर ही ढ़ेर हो गई। कपिल देव ने 4 और मानिंदर सिंह ने 3 विकेट चटकाए। टीम इंडिया को जीत के लिए 133 रनों का लक्ष्य मिला। भारत ने यह लक्ष्य पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया। कपिल देव ने 10 गेंदों में 23 रन की तेज पारी खेली।
भारत के लिए इस जीत के मायने
टीम के लिए ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि इससे पहले टीम इंडिया इस मैदान पर एक भी मैच नहीं जीत सकी थी । भारत को यह जीत 54 साल बाद नसीब हुई थी। कपिल देव इस मैच के हीरो साबित हुए। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। तीन टेस्ट मैचों की यह सीरीज भारत ने 2-0 से अपने नाम की। भारतीय टेस्ट इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका था जब टीम इंडिया ने इंग्लैंड में सीरीज अपने नाम की हो। भारत के लिए इस जीत के बड़े मायने हैं।