नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स
क्रिकेट में इस समय आईपीएल के अलावा एक और मुद्दा बहस का विषय बना हुआ है। और ये बहस है खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ में रखने का। आपको बता दें कि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को विदेशी दौरे के दौरान अपने परिवार के साथ रहने से मना किया है। इसी बात को लेकर पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव ने अपना बयान दिया है।
''परिवार का साथ भी जरूरी, लेकिन फोकस न बिगड़े '' - कपिल देव
कपिल देव ने कहा कि "परिवार की मौजूदगी महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे टीम के फोकस पर असर नहीं पड़ना चाहिए। मुझे नहीं पता... यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है, मेरा कहना है कि हां, आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन आपको हर समय टीम के साथ रहने की भी जरूरत है। हमारे समय में, हम खुद से कहते थे, क्रिकेट बोर्ड से नहीं, कि पहले हाफ में हमें क्रिकेट खेलने दें; दूसरे हाफ में परिवार को भी वहां आकर इसका आनंद लेना चाहिए। यह एक मिश्रण होना चाहिए।"
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कोहली ने परिवार के साथ को बताया अहम
बेंगलुरु में आरसीबी के इनोवेशन लैब समिट में बोलते हुए, स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के साथ परिवार के होने के महत्व को बताया, यह बताते हुए कि कैसे उनकी उपस्थिति मैदान पर चुनौतीपूर्ण और गहन दिनों का प्रबंधन करने में सहायता करती है।
लोगों को परिवार की भूमिका समझाना बहुत मुश्किल है... हर बार जब आपके पास कुछ गहन होता है, जो बाहर होता है, तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना महत्वपूर्ण होता है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इस बात की समझ है कि इससे क्या फायदा होता है। उन्होंने बताया कि प्रियजनों के साथ समय बिताने से उन्हें खेल के दबाव से दूर रहने और कठिन मैचों के बाद खुद को अलग-थलग करने के बजाय मानसिक रूप से फिर से तैयार होने का मौका मिलता है।''
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद लगाई थी पाबंदी
टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 से सीरीज गवाई थी। इसके बाद बीसीसीआई ने 45 दिनों से अधिक के दौरे पर परिवार के साथ रहने की सीमा तय करने वाला नियम लागू किया। नए नियम के अनुसार, 45 दिनों से अधिक चलने वाली सीरीज या टूर्नामेंट के लिए, परिवार के सदस्य 14 दिनों तक खिलाड़ियों के साथ रह सकते हैं, जबकि छोटे दौरों के लिए यह सीमा घटाकर सिर्फ सात दिन कर दी गई है।