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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। भारत द्वारा एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन देर से पारी घोषित करने के फैसले पर उठे सवालों के बीच टीम के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने इसका बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम इंग्लैंड या उनकी आक्रामक ‘बाजबॉल’ रणनीति को लेकर चिंतित नहीं थी, बल्कि वह मैच को पूरी तरह अपनी पकड़ में रखना चाहती थी।
इंग्लैंड को दिया 608 रनों का लक्ष्य
भारत ने अपनी दूसरी पारी 427 रनों पर घोषित की, जिसमें शुभमन गिल ने शानदार 161 रन बनाए, जबकि रवींद्र जडेजा और ऋषभ पंत ने अर्धशतक जड़ते हुए भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। इससे पहले पहली पारी में भारत को 180 रनों की बढ़त मिली थी, और इसी के आधार पर मेजबान इंग्लैंड को जीत के लिए 608 रनों का विशाल लक्ष्य दिया गया। जवाब में इंग्लैंड चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 72 रन पर तीन विकेट गंवा चुका था। अब पांचवें और अंतिम दिन उन्हें जीत के लिए 536 रन बनाने हैं और सात विकेट शेष हैं।
देर से पारी घोषित करने पर उठे सवाल
हालांकि, भारत की पारी देर से घोषित करने को लेकर कुछ पूर्व क्रिकेटरों और फैंस ने सवाल उठाए। उनका मानना था कि शुभमन गिल ने पारी घोषित करने में थोड़ी देरी कर दी, जिससे भारत इंग्लैंड को चौथे दिन ज्यादा ओवर खेलने का मौका नहीं दे सका। यदि पारी पहले घोषित की जाती, तो भारत इंग्लैंड पर दबाव बनाने के लिए उन्हें और अधिक ओवर खेलने पर मजबूर कर सकता था।
मार्कल ने किया बचाव
चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्कल ने कहा, “यह एक अच्छा सवाल है और हमने दिन भर इस पर काफी विचार किया। लेकिन विकेट अभी भी बल्लेबाजी के लिए अच्छा लग रहा था और हमारे बल्लेबाज चार-पांच रन प्रति ओवर की गति से सहजता से रन बना रहे थे। मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए हम सुनिश्चित करना चाहते थे कि हमारे पास एक मजबूत स्कोर हो।” उन्होंने कहा, “हमने इंग्लैंड को अंत में 20 से ज्यादा ओवर बल्लेबाजी करने का मौका दिया, और उम्मीद की थी कि ग्रे आसमान और शाम की परिस्थितियों में हमें दो-तीन विकेट मिल जाएंगे और वैसा ही हुआ, जो हमारे लिए बोनस था।”
मोर्कल ने आगे कहा, “अब कल (पांचवें दिन) का पहला घंटा बेहद अहम होगा। हमने आज सुबह देखा कि अगर गेंदबाज सही एरिया में गेंदबाजी करें, तो विकेट से थोड़ी मदद मिलती है। ऐसे में हमें अपनी योजनाओं पर पूरा ध्यान देना होगा।”
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