नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। 24 अगस्त 1971, भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच 'ओवल' के मैदान में खेला जा रहा था। मैच का आखिरी दिन था। मैदान से नाबाद लौट रहे थे फारुख इंजीनियर और सैयद अली आबिद। भारत ने ये टेस्ट जीतकर इतिहास रच दिया था। यह एक नए युग की शुरुआत थी, जब भारत ने 39 साल साल बाद इंग्लैंड में पहली सीरीज जीती। इस मैच के हीरे थे भागवत चंद्रशेखर। भागवत ने अपनी गेंदबाजी से अंग्रेजों को घुटनों पर ला दिया। उन्होंने इस मैच में कुल 8 विकेट अपने नाम किए।
इंग्लैंड ने पहली पारी में बनाए 355 रन
रे इलिंगवर्थ की कप्तानी में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में 355 रन बनाए। जॉन जैमिसन ने 82 और एलन नॉट ने 90 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से एकनाथ सोलकर ने 3 विकेट लिए, जबकि बिशन सिंह बेदी, भागवत और श्रीनिवास को 2-2 विकेट मिले।
तीसरे दिन भारत के बल्लेबाज इंग्लैंड की उछाल भरी पिचों का सामना करने के लिए तैयार थे। भारत की तरफ से सुनील गावस्कर(6) और अशोक (10) कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। दोनों ही ओपनर सस्ते में चले गए। तीसरे नम्बर पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान अजीत वाडकर ने 48 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से फारुख इंजीनियर (59) और दिलीप सरदेसाई (54) ने अच्छी पारी खेली। भारत की पारी 284 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड के कप्तान इलिंगवर्थ ने 5 विकेट झटके।
भागवत के तूफान में उडे़ अग्रेजी बाबू
दूसरी पारी में अंग्रेजों के लिए भागवत का सामना करना मुश्किल हो रहा था। अंग्रजों को पहला झटका 23 रन के स्कोर पर जेमिसन के रूप में लगा। कोई भी बल्लेबाज भागवत के सामने टिक नहीं पा रहा था। उछाल भरी पिचों पर खेलने के आदी इंग्लैंड की टीम तांस के पत्तों की तरह बिखर गई। भागवत ने इस मैच में 6 विकेट लेकर पूरा गेम चैंज कर दिया। इंग्लैंड की तरफ से कोई भी बल्लेबाज पचास का आंकड़ा भी नहीं छू सका। टीम 101 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
दूसरी पारी में टीम इंडिया को जीत के लिए 173 रनों की जरुरत थी। भारत के पास दो दिन शेष थे। लिटिल मास्टर इस मैच में फिर नहीं चले और शून्य के स्कोर पर LBW हो गए। कप्तान वाडेकर 45 रन बनाकर रन बनाए। दिलीप सारदेसाई (40) और गुडप्पा विश्वनाथ (33) आउट हो चुके थे। 7 वे नम्बर बैटिंग करने फारुख इंजीनियर ने अंत तक नाबाद रहकर टीम को जीत दिला दी।
इस तरह भारत ने इंग्लैंड में पहली ऐतिहासिक जीत अपने नाम की। इस सीरीज में तीन मैच खेले गए। सीरीज के पहले दो मैच ड्रॉ होने के बाद आखिरकार भारत ने जीत का स्वाद रखा।