नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।पृथ्वी शॉ की किस्मत क्रिकेट के मैदान से ऐसी रुठी कि वे फिर वापसी को तरस गए। पृथ्वी ने हाल ही में अपने खराब दौर के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर मेरे बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे। ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।
पृथ्वी क्रिकेट के आसमान में ऐसे चमके कि एक समय उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से होती थी। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने हैरिस शील्ड में 546 रन बनाकर सनसनी मचा दी। पृथ्वी ने अपनी कप्तानी में U-19 वर्ल्ड कप जिताया था। शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी उनकी कप्तानी में खेले थे। पृथ्वी ने इन दोनों से पहले टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। आज वही खिलाड़ी दूर से ही क्रिकेट की पिच को निहार रहा है।
पृथ्वी शॉ का उतार-चढ़ाव भरा सफर
जिस रफ्तार से पृथ्वी शॉ ने क्रिकेट में ऊंचाइयों को छुआ, उतनी ही तेजी से वह नीचे भी गिर पड़े। कभी उन्हें भारत का भविष्य का सुपरस्टार माना जाता था, लेकिन एक समय ऐसा आया जब वे टीम से बाहर हो गए और जिन खिलाड़ियों ने कभी उनकी कप्तानी में खेला, जैसे शुभमन गिल, वे आज टीम इंडिया की कमान संभाल रहे हैं। शॉ खुद मानते हैं कि वे रास्ते से भटक गए थे। गलत संगत, गलत फैसले, अनुशासन की कमी और निजी जीवन की गड़बड़ियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। अब वे दोबारा अपने करियर को संवारने में जुटे हैं। महज 25 साल की उम्र में शॉ को उम्मीद और प्रेरणा मिल रही है उन शब्दों से, जो कभी महान सचिन तेंदुलकर ने उन्हें कहे थे।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में शॉ ने याद किया कि मुश्किल समय में कैसे तेंदुलकर हमेशा उनके साथ खड़े रहे। शॉ ने बताया, "सचिन सर मेरी जर्नी को बहुत अच्छे से जानते हैं। अर्जुन तेंदुलकर और मैं 8-9 साल की उम्र से दोस्त हैं। हम साथ खेले, साथ बड़े हुए। सर भी अक्सर हमारे साथ होते थे। उनका साथ और समर्थन मेरे लिए हमेशा प्रेरणादायक रहा है।"
क्रिकेट के 'भगवान' बढ़ा रहे पृथ्वी का हौसला
पृथ्वी शॉ ने बताया कि कुछ समय पहले ही उनकी मुलाकात सचिन तेंदुलकर से हुई थी। करीब दो महीने पहले दोनों एमआईजी क्लब में अभ्यास के दौरान मिले थे। शॉ ने कहा, "मैंने उनसे बात की। जब जीवन में सबकुछ गड़बड़ लगने लगे और इंसान भटकने लगे, तब एक ऐसे मेंटॉर की जरूरत होती है जो अंदर की चिंगारी फिर से जगा सके। सचिन सर ने मुझसे कहा 'पृथ्वी, मुझे आज भी तुझमें भरोसा है और आगे भी रहेगा। मैंने तुम्हें बड़ा होते देखा है।'" शॉ के लिए यह भरोसा ही अब उम्मीद और आत्मविश्वास की सबसे बड़ी वजह है।
सचिन तेंदुलकर की हौसलाफजाई को याद करते हुए पृथ्वी शॉ ने कहा, "यहां तक कि आज भी वह मुझसे कहते हैं कि सही ट्रैक पर लौट आ, जैसे पहले था। अगले 13-14 साल में सबकुछ संभव है।" शॉ ने माना कि सचिन का यह भरोसा उनके लिए बेहद खास है और यही विश्वास उन्हें दोबारा खुद को साबित करने की ताकत देता है।
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