नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। भारत और इंग्लैंड के बीच तेंदुलकर- एंडरसन सीरीज का पहला टेस्ट मैच (20-24 जून) लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। हेडिंग्ले की इस पिच पर रनों का अंबार लग गया। मैच में दोनों टीमों ने मिलकर कुल 1673 रन और सात शतक बनाए, जिसमें 5 शतक भारत के बल्लेबाजों द्वारा बनाए गए। गेंदबाज इस पिच पर बेबस नजर आए। हालांकि इस मैच में टीम इंडिया को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
हाई स्कोरिंग रहा लीड्स टेस्ट
लीड्स की पारंपरिक टेस्ट पिच इस बार एकदम फ्लैट निकली। गेंदबाजों को सीम, स्विंग या स्पिन से कोई मदद नहीं मिली। नतीजा ये रहा कि मैच एकतरफा बैटिंग शो में तब्दील हो गया। बल्लेबाजों ने गेंदबाजों को जमकर निशाना बनाया और मैदान को रनों से पाट दिया। भारत ने पहली और दूसरी पारी में मिलाकर 835 रन बनाए, जिसमें टीम के 5 बल्लेबाजों ने शतक लगाए। दूसरी ओर इंग्लैंड ने भी शानदार जवाब देते हुए कुल 838 रन बना डाले, और अंत में 371 रनों का टारगेट महज 82 ओवर में हासिल कर लिया।
प्रसिद्ध कृष्णा ने खर्चे सबसे ज्यादा रन
हालांकि, इस मुकाबले में प्रसिद्ध कृष्णा के लिए एक अनचाहा रिकॉर्ड भी बन गया। उन्होंने पहली पारी में 20 ओवर में 128 रन खर्च किए और एक भी मेडन ओवर नहीं फेंका। इस दौरान उनकी इकॉनमी 6.40 रही, जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक शर्मनाक रिकॉर्ड बन गई है। प्रसिद्ध कृष्णा अब 6 से अधिक इकॉनमी के साथ टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में सबसे ज्यादा रन खर्च करने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड मुरली कार्तिक के नाम था, जिन्होंने 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 122 रन दिए थे।
5 शतक और फिर भी हार! भारत ने रचा अनचाहा इतिहास
यह टेस्ट क्रिकेट के 148 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी टीम के पांच बल्लेबाजों ने शतक जड़े और वह फिर भी मैच हार गई। भारत इस मामले में अब एक अविश्वसनीय रिकॉर्ड का हिस्सा बन गया है। इससे पहले 1928-29 की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 4 शतक के बावजूद हार झेली थी, लेकिन अब भारत ने उससे भी आगे निकलते हुए इस 'शर्मनाक रिकॉर्ड' को अपने नाम कर लिया।
गेंदबाजों की बेबसी और फील्डिंग की चूक
मैच में गेंदबाज न सिर्फ बेअसर दिखे, बल्कि भारत ने 9 कैच छोड़े, जिससे इंग्लिश बल्लेबाजों को दोहरी छूट मिल गई। बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा को छोड़ दें तो बाकी गेंदबाज विकेट निकालने के लिए संघर्ष करते रहे। भारत को अब सीरीज में बराबरी के लिए बर्मिंघम टेस्ट में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी, जो 2 से 6 जुलाई तक खेला जाएगा। कप्तान शुभमन गिल के लिए यह अग्निपरीक्षा होगी, जिसमें रणनीति, गेंदबाजी संयोजन और फील्डिंग तीनों की सटीक परीक्षा होगी।
ind vs eng | Tendulkar–Anderson Trophy