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जब इंग्लैंड की मुश्किल पिचों पर Rohit ने बरसाए रन, 2019 में जमाए थे पांच शतक

2019 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा का बल्ला इंग्लैंड की कठिन पिचों पर जमकर बोला था। उन्होंने साउथैम्प्टन, मैनचेस्टर, बर्मिंघम और लीड्स जैसे चुनौतीपूर्ण मैदानों पर पांच शतक ठोककर नया इतिहास रचा।

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन स्‍पोर्ट्स। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा(rohit) ने 2019 वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड की सरजमीं पर ऐसा कारनामा कर दिखाया था, जिसे आज भी क्रिकेट प्रेमी याद करते हैं। उन्होंने उस टूर्नामेंट में 5 शतक जड़े थे, जो एक वर्ल्ड कप में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे अधिक शतकों का रिकॉर्ड है। यह प्रदर्शन उन्होंने इंग्लैंड की तेज और उछाल भरी पिचों पर किया, जहां आमतौर पर उपमहाद्वीप के बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आते हैं।

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इन देशों के खिलाफ जड़े शतक 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित ने अपने पांच शतकों के दौरान शानदार लय में बल्लेबाजी की थी। उन्होंने 648 रन बनाए और टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे। रोहित ने अपने पांच शतक दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ बनाए। खास बात यह रही कि उनके शतक जिताऊ पारी साबित हुए, जिससे भारत ने लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

हालांकि सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन रोहित का यह प्रदर्शन वनडे वर्ल्ड कप इतिहास के सबसे बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शनों में गिना जाता है।

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रोहित शर्मा के 5 शतक (2019 वर्ल्ड कप)

122* बनाम दक्षिण अफ्रीका (साउथैम्प्टन)
140 बनाम पाकिस्तान (मैनचेस्टर)
102 बनाम इंग्लैंड (बर्मिंघम)
104 बनाम बांग्लादेश (बर्मिंघम)
103 बनाम श्रीलंका (लीड्स)

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इंग्लैंड में 2019 वर्ल्ड कप के दौरान पांच शानदार शतक लगाए थे। ये शतक साउथैम्प्टन, मैनचेस्टर, बर्मिंघम और लीड्स में आए थे। इन पिचों की खासियत है कि शुरुआत में तेज गेंदबाजों को स्विंग और सीम मिलती है, लेकिन टिकने के बाद बल्लेबाजों के लिए रन बनाने के मौके होते हैं।

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इंग्लैंड की ये पिचें बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं मानी जातीं

यहां की सबसे बड़ी चुनौती है गेंद का स्विंग और सीम मूवमेंट। इंग्लैंड में जो गेंद इस्तेमाल होती है, उसे ड्यूक बॉल कहते हैं, जो लंबे समय तक स्विंग करती रहती है। इसके अलावा, मौसम भी अहम भूमिका निभाता है। अगर आसमान में बादल छाए हों तो गेंदबाज और खतरनाक हो जाते हैं।

साउथैम्प्टन में शुरुआत में गेंद स्विंग करती है लेकिन बाद में धीमी हो जाती है, इसलिए यहां बल्लेबाज टिक जाएं तो रन बना सकते हैं। मैनचेस्टर (ओल्ड ट्रैफर्ड) की पिच तेज गेंदबाजों के लिए जानी जाती है, खासकर सुबह या बादलों में। बर्मिंघम (एजबेस्टन) की पिच पर भी तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, लेकिन यहां बड़े स्कोर भी बनते हैं। लीड्स (हेडिंग्ले) की पिच सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। यहां गेंदबाजों को लगातार स्विंग और उछाल मिलता है। टेस्ट मैच में यह पिच असमान बाउंस देने लगती है, जिससे बल्लेबाजों के लिए खेलना और मुश्किल हो जाता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो ये पिचें बल्लेबाजों के धैर्य और तकनीक की असली परीक्षा लेती हैं।

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