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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय कप्तान शुभमन गिल का तेवर खूब चर्चा में है। मैच के दौरान गिल की आक्रामकता और इंग्लिश खिलाड़ियों से उनकी तीखी नोकझोंक की तुलना अब विराट कोहली के अंदाज से की जा रही है। हालांकि, कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि गिल की ये आक्रामकता मैच की जरूरत नहीं थी। भारत की हार के बाद गिल को भारत और इंग्लैंड दोनों जगह के क्रिकेट पंडितों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इसी बीच इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर मोईन अली उनके समर्थन में सामने आए हैं।
मोईन बोले- गिल ने कुछ गलत नहीं किया
ग्लोबल सुपर लीग में खेल रहे मोईन अली ने गिल की आलोचना को नकारते हुए कहा, "गिल सिर्फ प्रतिस्पर्धी बनने की कोशिश कर रहे थे, जैसा कि विराट कोहली किया करते थे। इसमें कोई बुराई नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि गिल की आक्रामकता ने इंग्लैंड टीम को और अधिक जुझारू बना दिया। "गिल की प्रतिक्रिया से इंग्लैंड का 'सोया शेर' जाग गया। इससे इंग्लिश टीम का असली जुझारू रूप बाहर आ गया और यही टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है।"
क्या हुआ था मैदान पर?
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन गिल इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉली और बेन डकेट से उलझ बैठे। दरअसल, इंग्लैंड ने जानबूझकर ओवर डालने में देरी की जिससे दिन का खेल जल्दी खत्म हो जाए। इसी रणनीति से गिल झल्ला गए और मैदान पर ही बहस छिड़ गई। माना जा रहा है कि गिल की झुंझलाहट उनके बल्लेबाजी प्रदर्शन पर भी असर डाल गई, क्योंकि दूसरी पारी में वे सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए। भारत को जीत के लिए 193 रन चाहिए थे लेकिन टीम 170 रन पर ढेर हो गई।
मोईन की सलाह -आलोचना की बजाय समर्थन करें
मोईन अली का मानना है कि गिल की आलोचना करने के बजाय उन्हें बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि वो एक युवा कप्तान के रूप में टीम को नेतृत्व देने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी आक्रामकता से सीरीज में नई ऊर्जा और प्रतिस्पर्धा आई है।
ind vs eng | Shubman Gill