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''मेरी वजह से बना Sachin का नाम", इंग्‍लैंड के पूर्व खिलाड़ी एलन लैंब ने ऐसा क्‍यों कहा?

1990 के मैनचेस्टर टेस्ट में एलन लैंब ने 18 वर्षीय सचिन तेंदुलकर का कैच छोड़ा, जिसके बाद सचिन ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया। लैंब कहते हैं कि ''मेरी वजह से तेरा नाम हुआ।"

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन स्‍पोर्ट्स। 'सचिन तेंदुलकर' एक ऐसा नाम जो क्रिकेट इतिहास में सबसे ऊंचे स्थान पर गिना जाता है। 'क्रिकेट का भगवान' कहे जाने वाले इस महान बल्लेबाज को कई लोग सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। लेकिन इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर एलन लैंब का दावा कुछ हटकर है। हल्के-फुल्के अंदाज में, लैंब अक्सर तेंदुलकर से कहते हैं—"मेरी वजह से ही तेरा नाम हुआ।"

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हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एलन लैंब ने उस दिलचस्प किस्से का जिक्र किया, जिस पर उनका यह मजाक आधारित है। जब उनसे पूछा गया कि सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में वह किसे श्रेष्ठ मानते हैं, तो उन्होंने बिना झिझक जवाब दिया।  "बहुत आसान है सचिन तेंदुलकर। मैं उनके खिलाफ तब खेला जब वो सिर्फ 18 साल के थे। मैंने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया और उन्होंने उस मौके को भुनाते हुए शतक ठोक डाला। तभी से मैं उनसे हंसते हुए कहता हूं कि मैं ही हूं जिसकी वजह से तू बना!"

विराट कोहली को बताया बेहतरीन बल्‍लेबाज

हालांकि लैंब ने यह बात पूरी तरह मजाक में कही, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि वो सचिन का बहुत सम्मान करते हैं और उनके बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने विराट कोहली को भी बेहतरीन बल्लेबाज बताते हुए कहा, "कोहली के पास हर तरह के शॉट हैं और वो तेजी से रन बना सकते हैं। लेकिन अगर बात उन खिलाड़ियों की हो जिनके खिलाफ मैंने खुद खेला है, तो मैं सचिन को सबसे ऊपर रखूंगा। यहां तक कि गावस्कर से भी आगे।"

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मैनचेस्टर 1990, जब छूटा एक कैच और बन गया इतिहास

लैंब जिस मैच की बात कर रहे थे, वह 9 से 14 अगस्त 1990 को मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया टेस्ट था। उस मैच में 18 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा था। इंग्लैंड ने पहली पारी में 519 रनों का विशाल स्कोर बनाया, जिसमें ग्राहम गूच, माइक अथर्टन और रॉबिन स्मिथ के शतक शामिल थे। लैंब ने खुद 38 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने अजहरुद्दीन (179), मांजरेकर (93) और तेंदुलकर (68) की पारियों की बदौलत 432 रन बनाए।

स्लिप में छोड़ा सचिन का कैच 

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इंग्लैंड ने दूसरी पारी 4 विकेट पर 320 रन बनाकर घोषित की। इस बार एलन लैंब ने शानदार 109 रन बनाए। भारत की दूसरी पारी में सचिन को तब जीवनदान मिला, जब लैंब ने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया। इसका पूरा फायदा उठाते हुए सचिन ने 119 रन की नाबाद पारी खेली और मैच ड्रॉ हो गया।

एक कैच जो बदल गया इतिहास में

वही कैच ड्रॉप सचिन के करियर की एक बड़ी turning point साबित हुई। यह उनका पहला टेस्ट शतक था, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा 51 शतक दर्ज हैं।

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sachin tendulkar | ind vs eng

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