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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।टेस्ट क्रिकेट में टीम भावना की बेहतरीन मिसाल पेश करते हुए दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर वियान मूल्डर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले जा रहे टेस्ट मैच में 334 गेंदों पर 367 रन की शानदार पारी खेली। यह पारी टेस्ट इतिहास में व्यक्तिगत रूप से पांचवें सबसे बड़े स्कोर के रूप में दर्ज हुई है। हालांकि, अपनी व्यक्तिगत सफलता को टीम के हित से ऊपर नहीं रखते हुए, उन्होंने अपनी पारी के दौरान कप्तान के फैसले के अनुसार 626 रनों पर पारी घोषित करवा दी। इस कदम से यह स्पष्ट हुआ कि टीम के समग्र हित में व्यक्तिगत कीर्तिमान को पीछे रखा जा सकता है। वियान मूल्डर की यह पारी टेस्ट क्रिकेट के महान रिकॉर्डधारक ब्रायन लारा के 400 रनों के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को चुनौती देने वाली मानी जा रही थी, लेकिन टीम के लिए सही रणनीति अपनाते हुए उन्होंने खुद पारी घोषित कर दी।
300 up for Wiaan Mulder! Absolutely incredible! 💯💯💯
— Proteas Men (@ProteasMenCSA) July 7, 2025
A triple century that will go down in the history books 🇿🇦🏏.
A masterclass in concentration, technique, and sheer determination from the Proteas skipper 💪🔥. #WozaNawepic.twitter.com/nyiXH353qR
तोड़ सकते थे लारा का रिकॉर्ड
ब्रायन लारा ने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगुआ में 400 नाबाद रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का कीर्तिमान स्थापित किया था, जिसे तब से कोई नहीं तोड़ पाया है। इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन के 380 रन का रिकॉर्ड था। मूल्डर ने अपनी पारी के दौरान बेहतरीन तकनीक और संयम का परिचय देते हुए हर दिशा में जोरदार शॉट खेले। उनके खेल को देखते हुए क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि यदि उन्हें पर्याप्त समय और स्ट्राइक मिलती तो वे 400 से भी आगे जा सकते थे। इसके बावजूद, टीम की रणनीति को प्राथमिकता देते हुए पारी की घोषणा करवा देना वियान मूल्डर की टीम भावना का परिचायक है।
याद रखी जाएगी ये पारी
यह घटना टेस्ट क्रिकेट में व्यक्तिगत उपलब्धि और टीम की सफलता के बीच के संतुलन को दर्शाती है। आज के क्रिकेट में जहां व्यक्तिगत आंकड़े और कीर्तिमान ज्यादा महत्व पाते हैं, वहां वियान मूल्डर का यह कदम टीम के लिए खुद को समर्पित करने का एक उदाहरण बन गया है। इस पारी के बाद यह चर्चा भी हुई कि क्या वे टेस्ट क्रिकेट में 500 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन सकते हैं, हालांकि यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है। मूल्डर की इस पारी ने न केवल उनकी बल्लेबाजी क्षमता को साबित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि व्यक्तिगत स्वार्थ के बजाय टीम की जीत को प्राथमिकता देना कितना महत्वपूर्ण है।