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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। भारतीय टीम ने एजबेस्टन टेस्ट जीतकर सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया है। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला लॉर्ड्स में 10 जुलाई से खेला जाएगा। ये मैच भारत ने भले ही अपने नाम कर लिया हो, लेकिन एक सवाल अभी भी बांकी है। ये सवाल है करुण नायर। 8 साल बाद टीम में वापसी करने वाले करुण नायर दोनों मैचों में फेल रहे। दोनों मैचों में उनको अलग-अलग नम्बर पर आजमाया गया, लेकिन रिजल्ट में कोई खास अंतर नहीं आया। अब सवाल ये उठने लगे हैं कि करुण नायर का आगे क्या होगा? क्या उनको अगले टेस्ट मैच में मौका मिलेगा या नहीं? लेकिन एक बात तो तय है कि ये सीरीज करुण नायर के भविष्य को तय करने वाली साबित होगी।
लीड्स के बाद एजबेस्टन में भी रहे फेल
20 जून को लीड्स में खेले गए मैच में करुण नायर ने 8 साल बाद मैदान पर वापसी की। 6 नम्बर पर बैटिंग करने आए करुण शून्य के स्कोर पर आउट हो गए। भारत ने इस मैच की पहली पारी में 10 विकेट के नुकसान पर 364 रन बनाए। दूसरी पारी में करुण से उम्मीद की जा रही थी कि वे आएंगे तो कुछ बेहतर करेंगे लेकिन पे दूसरी पारी में भी मात्र 20 रन ही बना सके। टीम इंडिया को इस मैच में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। सीरीज का अगला मैच 2 जुलाई से एजबेस्टन में खेला गया। इस मैच में उन्हें साई सुदर्शन की जगह नम्बर तीन पर उतारा गया। शुरुआत में वे बेहतरीन लय में नजर आ रहे थे लेकिन एक बार उनको निराशा हाथ लगी। वे 31 रन के स्कोर पर कार्स का शिकार हो गए। मैच की दूसरी पारी में भी वे मात्र 26 रन ही बना सके। दोनों टेस्ट में करुण ने कुल 77 रन बनाए हैं। हालांकि टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए ये मैच 336 रनों से अपने नाम कर लिया। जिसकी वजह से करुण सवालों में नहीं आए। अगर कहीं मैच का परिणाम भारतीय टीम के पक्ष में नहीं होता तो करुण निशाने पर होते।
8 साल बाद टीम में मिला मौका
लंबे इंतजार के बाद करुण नायर को एक बार फिर भारतीय टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन में जगह मिली है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दोनों मुकाबले में उन्हें शामिल किया गया। करुण ने हालिया घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके दम पर उन्होंने राष्ट्रीय टीम में वापसी की। 2024-25 के रणजी ट्रॉफी सीजन में वह चौथे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने सर्वाधिक रन बनाए। खास बात यह है कि 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने के बावजूद उन्हें 2017 में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था। टीम से बाहर होने के बाद करुण ने कड़ी मेहनत और निरंतरता के साथ घरेलू क्रिकेट में खुद को फिर से साबित किया। उन्होंने कर्नाटक से विदर्भ की ओर रुख किया और वहां शानदार बल्लेबाजी करते हुए खुद को एक प्रमुख घरेलू खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
ind vs eng | Tendulkar–Anderson Trophy