Advertisment

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल लोकसभा से पास, BCCI भी आएगा इस नियम के दायरे में

लोकसभा ने 11 अगस्त को नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और एंटी-डोपिंग संशोधन बिल 2025 पारित किया। इससे खेल प्रबंधन में पारदर्शिता, निष्पक्ष चयन और विवाद निपटारे के मजबूत नियम आएंगे।

author-image
Suraj Kumar
sports bill and bcci
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन स्‍पोर्ट्स। लोकसभा में 11 अगस्‍त को नेशनल स्‍पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल 2025 पास हो गया है। राज्‍यसभा में इस बिल के पास होने के बाद राष्‍ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून बन जाएगा। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे आजादी के बाद से भारतीय खेलों में सबसे बड़ा सुधार बताया। इस नियम के बनने से BCCI को भी NSF(नेशनल स्‍पोर्ट्स फेडरेशन) के रूप में दर्ज कराना होगा। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि क्रिकेट 2028 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में टी-20 फार्मेट में शामिल होने जा रहा है। 

BCCI नहीं आएगा RTI के दायरे में

खेल मंत्रालय ने नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल में संशोधन करते हुए साफ किया है कि अब केवल वही खेल संगठन RTI के तहत आएंगे जो सरकार से वित्तीय सहायता या अनुदान लेते हैं। चूंकि BCCI किसी तरह की सरकारी मदद नहीं लेता, इसलिए उस पर RTI लागू नहीं होगा। हालांकि, पहले भी कई बार BCCI को RTI के तहत लाने की मांग उठ चुकी है।

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल खेलों से जुड़े नियमों में 10 बड़े और जरूरी बदलाव लाएगा। 

  • अब खेल महासंघों में फैसले पारदर्शी और जवाबदेही वाले होंगे।
  • खिलाड़ियों को भी इन संस्थाओं में जगह मिलेगी, ताकि उनकी बात सुनी जा सके। 
  • चुनाव और विवाद सुलझाने के साफ नियम बनाए जाएंगे, जिससे कोर्ट केस कम होंगे।
  • अब ट्रायल के नतीजे सार्वजनिक करना जरूरी होगा ताकि चयन में किसी के साथ भेदभाव न हो।
  • खेलों को सुरक्षित और शोषण से मुक्त बनाने के लिए स्वतंत्र कमेटियाँ बनाई जाएंगी।
  • खिलाड़ियों और कोचों की शिकायतों के लिए समय तय कर निपटारा किया जाएगा।
  • झगड़े जल्दी सुलझाने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालत बनाई जाएगी।
  • उम्र की धोखाधड़ी और डोपिंग रोकने के लिए बायोमेट्रिक और सख्त नियम लागू होंगे।
  • हितों के टकराव को रोकने के लिए साफ नियम बनाए गए हैं।
  • साथ ही, सभी खेल संगठनों को एक जैसे नियमों वाले कॉमन कोड के तहत लाया जाएगा।

1975 में हुई थी स्‍थापना 

Advertisment

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल की शुरुआत 1975 में हुई थी, लेकिन राजनीतिक वजहों से यह कभी संसद में पेश नहीं हो सका। 2011 में नेशनल स्पोर्ट्स कोड बनाया गया, जिसे बाद में कानून में बदलने की कोशिश हुई, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाया। अब भारत द्वारा 2036 ओलिंपिक की मेजबानी की तैयारी के चलते, खेल प्रबंधन में पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यवस्था लाने के लिए यह बिल दोबारा लाया गया है।

indian sports  National Sports Governance Bill | sports Bill 

BCCI sports indian sports National Sports Governance Bill sports Bill
Advertisment
Advertisment