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क्या 2027 वर्ल्ड कप टीम में Rohit-Virat होंगे या नहीं? हेड कोच गंभीर ने किया बड़ा खुलासा

गौतम गंभीर ने 'इंडिया एट 2047' समिट में कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को टीम में तब तक रहना चाहिए जब तक वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने टीम चयन में अपनी भूमिका नहीं होने की बात कही और फेयरवेल को महत्वहीन बताया।

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Mukesh Pandit
Raohi virat
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नईदिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। भारतीय क्रिकेट टीम के चीफ कोच गौतम गंभीर ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों बल्लेबाजों का 2027 वर्ल्ड कप में खेलना उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा और यह तय करना कि कब कोई खिलाड़ी संन्यास ले, यह न तो कोच का काम है और न ही सेलेक्टर्स का।

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कोच का काम टीम का चयन करना नहीं 

हेड कोच ने  'इंडिया एट 2047' समिट में बोलते हुए सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य पर टिप्पणी करने से बचने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि, 'सबसे पहली बात, कोच का काम टीम का चयन करना नहीं है। सेलेक्टर्स का काम चयन करना है। कोच केवल उन 11 खिलाड़ियों का चयन करता है जो मैच खेलेंगे। न तो मुझसे पहले कोचिंग करने वाले चयनकर्ता थे और न ही मैं चयनकर्ता हूं।'

आपका व्यक्तिगत निर्णय 

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अगर प्रदर्शन कर रहे हैं तो टीम में बने रहना चाहिए' गंभीर ने आगे कहा कि, 'जब तक वे (रोहित और विराट) प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें टीम में होना चाहिए। कब शुरुआत करें और कब अंत, यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है। कोई कोच, कोई चयनकर्ता, कोई बीसीसीआई यह नहीं कह सकता कि आपको कब संन्यास लेना चाहिए। अगर आप प्रदर्शन कर रहे हैं, तो क्यों 40 पर रिटायर हो? आप 45 तक खेल सकते हैं, कोई रोक नहीं सकता।

 2027 वर्ल्ड कप को लेकर भी अपने विचार साझा किए

2027 वर्ल्ड कप पर नजर गंभीर ने 2027 वर्ल्ड कप को लेकर भी अपने विचार साझा किए। हालांकि उन्होंने रोहित और विराट के भविष्य पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि, यह (2027 वर्ल्ड कप में खेलना) उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। केवल उनका प्रदर्शन ही उनकी चयन सुनिश्चित कर सकता है।' फेयरवेल नहीं, योगदान याद रखना चाहिए गंभीर ने फेयरवेल की योजना बनाने के विचार को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी क्रिकेटर यह सोचकर नहीं खेलता कि उसे शानदार विदाई मिलेगी। 

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 किन परिस्थितियों में मैच जीतें

उन्होंने कहा कि, 'कोई भी खिलाड़ी क्रिकेट खेलते वक्त यह नहीं सोचता कि उसे बड़ा फेयरवेल मिले। फेयरवेल से ज्यादा हमें यह याद रखना चाहिए कि उन्होंने देश के लिए किन परिस्थितियों में मैच जीतें।' उन्होंने यह भी कहा कि, क्या फर्क पड़ता है कि उसे फेयरवेल मिला या नहीं? अगर उसने देश के लिए योगदान दिया है, तो वही उसकी सबसे बड़ी विदाई है। क्या किसी के लिए देशवासियों का प्यार से बड़ा कोई ट्रॉफी है? फेयरवेल क्रिकेटरों के लिए मायने नहीं रखते।

 

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