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जम्मू-कश्मीर, वाईबीएन डेस्क:जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मच गई। दोपहर करीब 12:25 बजे चशोटी और पड्डर ताशोति इलाके में अचानक बादल फटा, जिससे चिनाब नदी में तेज उफान आ गया। कुछ ही मिनटों में नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया और तेज बहाव अपने साथ दर्जनों मकान, गाड़ियां, मंदिर, पुल और लोगों की जिंदगियां बहा ले गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस आपदा में 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। सेना, NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस रेस्क्यू अभियान में जुटे हैं और मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हेलिकॉप्टर और ड्रोन के जरिए दूरदराज के इलाकों तक भी राहत पहुंचाई जा रही है।
#WATCH किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर: 14 अगस्त को किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बाद वहां खोज एवं बचाव अभियान जारी है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2025
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप सिंह के अनुसार, इस घटना में 45 लोगों की मौत हो गई है। pic.twitter.com/wYbd9pFZ0T
इलाका बना खंडहर, मचैल माता यात्रा स्थगित
तेज बहाव और मलबे से पूरा इलाका खंडहर में तब्दील हो गया है। घर जमींदोज हो चुके हैं, सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर बिखरे हैं और गांवों की शक्ल तक बदल गई है। यह आपदा मचैल माता यात्रा के मार्ग पर घटी, जिस कारण हजारों श्रद्धालुओं की जान पर भी संकट मंडरा गया। प्रशासन ने एहतियातन मचैल माता यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सीएम उमर अब्दुल्ला शुक्रवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि राज्य प्रशासन पूरी ताकत के साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सीएम से फोन पर बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली और घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
लापता लोगों की तलाश जारी
बारामूला में मंत्री जावेद डार ने पत्रकारों को बताया कि लापता लोगों की सटीक संख्या अभी साफ नहीं है, लेकिन राहत और बचाव कार्य चौबीसों घंटे जारी हैं। इधर, अस्पतालों और राहत शिविरों में परिजन अपने लापता प्रियजनों की तलाश में भटक रहे हैं। आंखों में आंसू और दिलों में डर साफ दिखाई दे रहा है।सोशल मीडिया पर हादसे से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनमें दिख रहा है कि कैसे मलबे और गाद से भरा पानी पूरे गांव को समतल कर गया। लोगों को जान बचाकर भागते हुए और टूटी हुई सड़कों के बीच मदद मांगते देखा जा सकता है।