/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/20/befunky-collage-8-2025-07-20-15-13-10.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को उस समय नया विवाद खड़ा हो गया, जब राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में वे विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल फोन पर ‘रमी’ नामक गेम खेलते नजर आ रहे हैं। वीडियो को एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर साझा किया।
किसान आत्महत्या कर रहे और कृषि मंत्री गेम खेल रहे
वीडियो के साथ रोहित पवार ने लिखा "जब राज्य में कृषि संकट गहराया हुआ है और रोजाना किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तब कृषि मंत्री सदन में बैठकर मोबाइल गेम खेल रहे हैं। यह दर्शाता है कि सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है। अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी, भाजपा से बिना पूछे कोई निर्णय नहीं लेती, और अब कृषि मंत्री के पास शायद करने को कुछ बचा नहीं है।
बीजेपी नेता ने किया बचाव
वायरल वीडियो पर राजनीति गरमा गई है। बीजेपी नेता और मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जिसके तहत इस तरह के आचरण के लिए मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। अधिकतम उन्हें चेतावनी दी जा सकती है। मैंने पहले मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि सदन में अनुशासनहीनता को लेकर सख्त कानून बने, लेकिन उन्होंने बताया कि यह विषय केंद्र सरकार के अधीन है।
किशोरी पेडनेकर ने बोला तीखा हमला
शिवसेना (यूबीटी) की नेता किशोरी पेडनेकर ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब माणिकराव कोकाटे का गैर-जिम्मेदाराना रवैया सामने आया है। इससे पहले भी वे विवादित बयान देते रहे हैं। जिस तरह से वे विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं, वह लोकतंत्र का सीधा अपमान है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने तो यह तक कह दिया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्य के चार मंत्रियों को हटाना चाहते हैं, जिनमें कोकाटे का नाम भी शामिल है। अब देखना है कि इस पर अजित पवार क्या रुख अपनाते हैं।
जनता के साथ कर रहे हैं खिलवाड़
एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कोकाटे सदन में रमी खेल रहे थे, लेकिन असल में वे जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मंत्री होकर भी वे विधानसभा में एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए। किसानों की चिंता होती तो शायद वे मोबाइल गेम खेलने के बजाय चर्चा में हिस्सा लेते।"