चंडीगढ़, वाईबीएन नेटवर्क।
अमृतसर में एक मंदिर के बाहर हुए विस्फोट की घटना में एक संदिग्ध पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि एक अन्य संदिग्ध भागने में सफल रहा, जिसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं। 15 मार्च को ठाकुर द्वार मंदिर के बाहर एक विस्फोट हुआ था, जब एक व्यक्ति ने विस्फोटक उपकरण मंदिर की ओर फेंका था, जिससे मंदिर की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे।
एनकाउंटर पर पंजाब पुलिस ने क्या कहा
पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने कहा कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर अमृतसर पुलिस ने मंदिर पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस टीमों ने राजासांसी में संदिग्धों का पता लगाया। आरोपियों ने गोलीबारी की, जिसमें एचसी गुरप्रीत सिंह घायल हो गए और इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी टूट गई। इस मुठभेड़ में मुख्य आरोपी गुरसिदक मारा गया जबकि एक अन्य आरोपी घायल हो गया। दोनों ओर से गोलीबारी हुई। आज सुबह-सुबह आरोपियों के बारे में विशेष सूचना मिली थी। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस टीम वहां पहुंची। जब एसएचओ छेहरटा ने आरोपी की मोटरसाइकिल को रोकने की कोशिश की तो आरोपी अपनी मोटरसाइकिल छोड़कर पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे।
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शुक्रवार की देर रात हुआ था मंदिर पर हमला
मामले में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया था। तीनों को बिहार से अरेस्ट किया गया था। ये नेपाल भागने की फिराक में थे। इन युवकों पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर पर हमला करने वाले आरोपियों को ग्रेनेड और हथियार सप्लाई करते थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर मंदिर पहुंचे थे। कुछ सेकंड रुकने के बाद उनमें से एक ने मंदिर की ओर कुछ विस्फोटक सामग्री फेंकी और मौके से भाग गया। जैसे ही वे भागे, मंदिर में एक बड़ा धमाका हुआ। यह घटना रात देर रात 12:35 बजे हुई। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे अमृतसर के खंडवाला इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई है। मंदिर पर जब यह हमला हुआ तब मंदिर के पंडित भी अंदर सोए हुए थे पर उन्हें कुछ नहीं हुआ। पुलिस ने हमलावरों की पहचान करने और हमले की प्रकृति को समझने के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की थी।
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पुलिस ने ISI पर जताया था शक
घटना के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दो अज्ञात व्यक्ति मोटरसाइकिल पर मंदिर की ओर आते दिखाई दिए। कुछ सेकंड इंतजार करने के बाद, उनमें से एक को मंदिर की ओर विस्फोटक उपकरण फेंकते हुए देखा गया और बाद में दोनों घटनास्थल से भाग गए। पंजाब पुलिस ने तब कहा था कि उसे मंदिर पर हमले में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की भूमिका पर संदेह है। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन विस्फोट से अमृतसर के खंडवाला इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई।