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दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी fee increase पर लगेगा ब्रेक, सरकार लाई नया अध्यादेश

दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब फीस निर्धारण को लेकर पारदर्शिता लाने और अभिभावकों को राहत देने के उद्देश्य से एक नया विधेयक तैयार किया गया है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब फीस निर्धारण को लेकर पारदर्शिता लाने और अभिभावकों को राहत देने के उद्देश्य से एक नया विधेयक तैयार किया गया है, जिसे फिलहाल अध्यादेश के रूप में मंजूरी दे दी गई है। इस अध्यादेश के जरिए सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि निजी स्कूलों की फीस अब मनमर्जी से नहीं बढ़ाई जा सकेगी। मंगलवार को दिल्ली सरकार की आठवीं कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की। इस बैठक में दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 को कैबिनेट की स्वीकृति मिली। अब यह विधेयक दिल्ली के उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा और इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए अग्रसर किया जाएगा। राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद यह विधेयक एक कानून का रूप ले लेगा।
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क्या है इस अध्यादेश का उद्देश्य?

इस नए विधेयक का मूल उद्देश्य दिल्ली के निजी स्कूलों की फीस व्यवस्था को नियंत्रित और पारदर्शी बनाना है। वर्षों से अभिभावकों की यह शिकायत रही है कि निजी स्कूल हर साल मनमाने ढंग से फीस में भारी वृद्धि कर देते हैं, जिससे मध्यमवर्गीय और निम्न आयवर्ग के माता-पिता पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। सरकार के इस फैसले से अब स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए ठोस कारण बताने होंगे और नियामक प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

कब से लागू होगा नया नियम?

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सरकार द्वारा पारित अध्यादेश के तहत यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आएगा। इसका मतलब यह है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों को किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि से पहले सरकारी दिशा-निर्देशों और निगरानी का पालन करना होगा।

अभिभावकों को मिलेगी बड़ी राहत

इस फैसले से राजधानी के लाखों अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। अब उन्हें हर साल बढ़ती फीस की चिंता से कुछ हद तक मुक्ति मिल सकेगी। साथ ही स्कूलों के ऊपर सरकारी नियंत्रण बढ़ने से पारदर्शिता भी आएगी और शिक्षा व्यवस्था में विश्वास बहाल होगा।
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अगला कदम क्या है?

विधेयक को अब कानूनी रूप देने के लिए उपराज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक होगी। जैसे ही ये औपचारिकताएं पूरी होंगी, यह अध्यादेश एक पूर्ण कानून बन जाएगा, और इसके बाद कोई भी निजी स्कूल बिना अनुमति के फीस नहीं बढ़ा सकेगा।  private school fee increase 
private school fee increase
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