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काउंटिंग का  काउंटडाउन : क्या महिलाएं तय करेंगी किसके सिर बंधेगा ताज? एक्जिट पोल के अनुमानों के बीच मतगणना कल

चुनाव में इस बार कौन बाज मारेगा, किसे मिलेगी पराजय गुरुवार की सुबह रुझान के बाद तस्वीर साफ होगी। एक्जिट पोल की छाया के बीच मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी । 9 बजे तक चुनाव के रुझान शुरू हो जाएंगे और 12 बजे तक पिक्चर से लगभग पर्दा हट जाएगा।

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Mukesh Pandit
Bihar Election Counting

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कौन बाज मारेगा, किसे मिलेगी पराजय गुरुवार की सुबह रुझान के बाद तस्वीर साफ होगी। एक्जिट पोल की छाया के बीच मतों की गिनती का काम सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएंगे। 9 बजे तक चुनाव के रुझान शुरू हो जाएंगे और 12 बजे तक पिक्चर से लगभग पर्दा हट जाएगा कि इस बार परिणाण एक्जिट पोल के अनुरूप आएंगे य़ा लोकसभा चुनाव की तरह अनुमान एक बार फिर गलत साबित होंगे। एनडीए और इंडिया गठबंधन के दावों-प्रतिदावों के बीच प्रशासन ने जिला मुख्यालय पर भारी सुरक्षा के बीच मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। एनडीए को जहां महिलाओं पर भरोसा है, इंडिया गठबंधन बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर सत्ता परिवर्तन की आस बांधे बैठा है।

कई मायनों में खास रहा 2025 का चुनाव

एक नजर डालें तो कई मायनों में  2025 का बिहार विधानसभा चुनाव ख़ास रहा। वर्ष 1951 के बाद बिहार में इस बार सबसे ज़्यादा मतदान हुआ। इस बार बिहार में 67.13% मतदान हुआ जो कि पिछले विधानसभा चुनाव से 9.6% ज़्यादा है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान 8.15 प्रतिशत अधिक रहा है। इस बार के मतदान में पुरुषों की हिस्सेदारी 62.98% रही और महिलाओं की 71.78 प्रतिशत। बिहार में 3.51 करोड़ महिला वोटर हैं और 3.93 करोड़ पुरुष वोटर और कुल मतदाताओं की तादाद 7.45 करोड़ है।

एनडीए को महिलाओं पर अधिक भरोसा

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों के मतदान में संपन्न हुआ। पहले चरण का मतदान छह नवंबर को था और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को। अगर बिहार में अतीत के ट्रेंड सही रहे तो मतदान में महिलाओं की ज़्यादा भागीदारी से नीतीश कुमार को फ़ायदा हो सकता है। अपने क़रीब दो दशक के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने बिहार में महिला सशक्तीकरण से जुड़ी कई योजनाएं शुरू की थीं। चुनाव से ठीक पहले सितंबर महीने में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना शुरू की थी और पूरे बिहार में महिलाओं के खाते में 10 हज़ार रुपए ट्रांसफ़र किए गए थे।

एग्ज़िट पोल्स में एनडीए को बढ़त

यहां तक कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी 10-10 हज़ार रुपए ट्रांसफ़र किए गए। चुनाव आयोग के पास शिकायत भी गई, लेकिन आयोग ने कहा कि यह 'ऑनगोइंग स्कीम' है। ऐसे में माना जा रहा है कि महिलाओं की उत्साहजनक भागीदारी नीतीश कुमार के हक़ में हो सकती है। 11 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान ख़त्म होने के बाद एग्ज़िट पोल्स आए। एग्ज़िट पोल्स के अनुमानों में एनडीए को साफ बढ़त मिलती दिखाई दी। एक्सिस माय इंडिया के एग्ज़िट पोल के अनुसार, बिहार में एनडीए महागठबंधन पर भारी पड़ेगा लेकिन राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है।

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एनडीए को बिहार में 121 से 141 सीटों का अनुमान

एक्सिस माय इंडिया के अनुसार, एनडीए को बिहार में 121 से 141 सीटें मिल सकती हैं और महागठबंधन को 98 से 118 सीटें मिल सकती हैं। वहीं बिहार के चुनावी मैदान में दस्तक दे रही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी खाता खोल सकती है। वहीं टुडेज चाणक्य के अनुसार, बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों को 160 सीटें मिल सकती हैं जबकि आरजेडी और उसके सहयोगी दलों को 77 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि महागठबंधन की तरफ़ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने बुधवार को एग्ज़िट पोल्स को नकार दिया था।

तेजस्वी बोले, महिलाओं ने बदलाव के लिए किया वोट

तेजस्वी यादव ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 76 लाख ज़्यादा मतदाताओं ने मतदान बदलाव के लिए किए हैं न कि नीतीश कुमार सरकार को बचाने के लिए। तेजस्वी यादव ने कहा था, ''लोग लाइन में खड़े होकर मतदान कर रहे थे, तभी एग्ज़िट पोल्स में एनडीए को विजेता घोषित कर दिया गया। क्या ऐसे सर्वे पर भरोसा किया जा सकता है? यह मतगणना से जुड़े अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के अलावा कुछ भी नहीं है।''

तेजस्वी ने रिकार्ड 85 रैलियां कीं

तेजस्वी यादव ने इस चुनाव में 85 से ज़्यादा रैलियों को संबोधित किया है. तेजस्वी ने बिहार में सरकार बनने पर सभी परिवारों से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। तेजस्वी ने एग्ज़िट पोल्स को ख़ारिज करते हुए चुनाव से पहले हुए सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के केवल 16 से 18 प्रतिशत लोगों ने ही नीतीश को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया था, ऐसे में अचानक चीज़ें बदल कैसे गईं?

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महागठबंधन में सीट बंटवारे पर नहीं बनी सहमति

इस बार बिहार के दोनों महत्वपूर्ण गठबंधनों में सीटों के बंटवारे को लेकर काफ़ी उठापटक की स्थिति रही है। हालांकि एनडीए में आख़िरकार सीटों के बँटवारे पर सहमति बन गई थी लेकिन महागठबंधन में सीटों के बँटवारे पर सहमति कुछ सीटों पर नहीं बनी। एनडीए में सीटों की साझेदारी के तहत 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में इस बार बीजेपी को 101 और जेडीयू को भी 101 सीटें मिली थीं। 2005 से यह पहली बार है, जब जेडीयू और बीजेपी दोनों बराबर की संख्या पर चुनाव लड़ रही हैं।

2020 में भी मिला था एनडीए को बहुमत

एनडीए के बाक़ी सहयोगी एलजेपी (आरवी) को 29, उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को और जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को छह-छह सीटें मिलीं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और बीजेपी ने 110 सीटों पर। जीतन राम मांझी को सात सीटें मिली थीं। तब मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी भी एनडीए का हिस्सा थी और उसे 11 सीटें मिली थीं।वहीं चिराग पासवान अकेले मैदान में थे और उन्होंने 135 उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि चिराग की पार्टी को जीत महज एक सीट पर मिली थी। bihar election | Bihar election 2025 analysis | bihar election 2025 | Bihar Election 2025 News | bihar election 2025 live | Bihar Election Analysis

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