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एक्जिट पोल में एनडीए को भारी जीत का अनुमान> File Photo
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव का मतदान मंगलवार को दूसरे चरण के साथ संपन्न हो गया। अब, इंतजार 14 नवंबर का है, जब बिहार चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। उसी दिन साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बनने जा रही है। इसी बीच नतीजों से पहले आईएएनएस-मैटराइज का एग्जिट पोल सामने आया है। दूसरे फेस के मतदान के बाद एक्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बिहार में सत्ता में वापसी करने का अनुमान है। प्रकाशित तीन एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बिहार में सत्ता में वापसी करने का अनुमान है। हालांकि, एग्जिट पोल मतदाताओं की भावनाओं का एक आकर्षक पूर्वावलोकन प्रस्तुत करते हैं, लेकिन पिछले चुनावों ने दिखाया है कि सर्वेक्षणकर्ता अक्सर गलत साबित होते हैं। इसलिए, इन आंकड़ों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।
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एनडीए को 147-167 सीटें मिलने का अनुमान
आईएएनएस-मैटराइज एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की सरकार बन सकती है, जबकि एग्जिट पोल के नतीजों में महागठबंधन को झटका लगने जा रहा है। एग्जिट पोल के मुताबिक, राज्य की 243 सीटों में से एनडीए को 147-167 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, वहीं इंडी गठबंधन को 70-90 सीटें मिलने का अनुमान है।एग्जिट पोल के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 65-73 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। जबकि, जेडीयू को 67-75 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 4-5 सीट, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 7-9 और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी को 1-2 सीट मिल सकती हैं।
एनडीए को 48 प्रतिशत और इंडी गठबंधन को 37 प्रतिशत का अनुमान
इंडी गठबंधन की बात करें तो आईएएनएस-मैटराइज के एग्जिट पोल में राजद को सबसे ज्यादा 53-58, कांग्रेस को 10-12, सीपीएम (एमएल) को 5-8, सीपीआई को 2-3, सीपीएम (मार्क्सवादी) को 2-3 और विकासशील इंसान पार्टी को 1-4 सीट मिलती दिख रही है।एग्जिट पोल में अन्य दलों पर नजर डालें तो, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 2-3, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 0-2 सीट मिलने का अनुमान है। वहीं, अन्य को 0-5 सीट मिल सकती है। वहीं, बिहार चुनाव में वोट शेयरिंग प्रतिशत की बात करें तो, एनडीए को 48 प्रतिशत और इंडी गठबंधन को 37 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है।
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भाजपा को 19 प्रतिशत से अधिक वोट
एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सबसे ज्यादा 19 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि, एनडीए में शामिल अन्य दल, जेडीयू को 20 प्रतिशत, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को 2 प्रतिशत, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 प्रतिशत और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 2 प्रतिशत वोट मिलने के अनुमान हैं।
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 21 प्रतिशत वोट
इंडी गठबंधन की बात करें तो, आईएएनएस-मैटराइज एग्जिट पोल के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 21 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा इंडी गठबंधन में शामिल कांग्रेस को 7 प्रतिशत, सीपीएम (एमएल) को 6 प्रतिशत, सीपीआई को एक प्रतिशत, सीपीएम (मार्क्सवादी) को एक प्रतिशत और वीआईपी को एक प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही एग्जिट पोल में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को 5 प्रतिशत, एआईएमआईएम को एक प्रतिशत और अन्य को 9 प्रतिशत वोट मिलने के अनुमान जताए गए हैं।
एग्जिट पोल 6 नवंबर से 11 नवंबर के बीच किया
आईएएनएस-मैटराइज का एग्जिट पोल 6 नवंबर से 11 नवंबर के बीच किया गया है। इसमें बिहार के 66,087 लोगों से वहां का राजनीतिक मिजाज और सरकार बनाने को लेकर उनकी सोच के बारे में जानने की कोशिश की गई है। एग्जिट पोल में 31,722 पुरुषों, 19,165 महिलाओं और 15,200 युवाओं को शामिल किया गया है। एजेंसी का दावा है कि एग्जिट पोल में मार्जिन ऑफ एरर +/- 3 प्रतिशत हो सकता है। बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में वोट डाले गए। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान हुए थे, जबकि दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को मतदान हुए। वहीं, चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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19 वर्षों से अधिक समय से मुख्यमंत्री हैं नीतीश
परिणाम चाहे जो भी हों, ये चुनाव बिहार के लिए एक युग का अंत साबित होंगे क्योंकि व्यापक रूप से माना जा रहा है कि यह जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार का आखिरी चुनाव होगा, जो 19 वर्षों से अधिक समय से मुख्यमंत्री हैं। उनके राजद समकक्ष लालू प्रसाद यादव पहले ही अपनी पार्टी की कमान अपने बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप चुके हैं, जो विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
धुआंधार प्रचार और लुभावने प्रस्तावों की बौछार
बिहार में एनडीए, महागठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला, और चुनाव प्रचार में ताबड़तोड़ रैलियाँ और तीखे राजनीतिक संदेश देखने को मिले। एनडीए, अपनी चुनावी रणनीति के अनुसार, सत्ता विरोधी लहर से लड़ने और सत्ता में वापसी के लिए विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, जो राज्य का दौरा कर चुके हैं, ने राज्य में राजद की वापसी की चेतावनी देने के लिए "जंगल राज" का हौवा खड़ा कर दिया है।एनडीए ने मतदाताओं से कई वादे भी किए हैं, खासकर महिलाओं को लुभाने के लिए, जिनमें व्यवसाय शुरू करने के लिए 10,000 रुपये और 125 मेगावाट मुफ्त बिजली देने का वादा शामिल है।
लोकतंत्र के उत्सव में लोगों ने लिया बढ-चढ़कर भाग
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मंगलवार को राज्य ने लोकतंत्र का ऐसा उत्सव मनाया जो इतिहास में दर्ज हो गया। चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, शाम 5 बजे तक 122 सीटों पर औसतन 67.14% मतदान दर्ज किया गया, जो अब तक के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक है। मतदाताओं का यह उत्साह बताता है कि जनता इस बार पूरे जोश के साथ अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए घरों से निकली।
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चंपारण क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदान
इस चरण में मतदान का रुख सीमांचल और चंपारण क्षेत्रों में सबसे अधिक देखने को मिला। किशनगंज में 76.26% वोटिंग के साथ इस बार पूरे राज्य में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ। कटिहार (75.23%) और पूर्णिया (73.79%) भी मतदान प्रतिशत के मामले में पीछे नहीं रहे। वहीं, सुपौल (70.69%), पूर्वी चंपारण (69.31%) और पश्चिम चंपारण (69.02%) ने भी बेहद ऊंचे मतदान के आंकड़े दर्ज किए।
मगध और शाहाबाद क्षेत्रों में भी मतदान का माहौल उत्साहजनक रहा। गया में 67.50%, कैमूर (भभुआ) में 67.22%, और जहानाबाद में 64.36% वोटिंग हुई। इन इलाकों में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। वहीं, दक्षिण बिहार के औरंगाबाद (64.48%) और अरवल (63.06%) जिलों में मतदान का प्रतिशत औसत से थोड़ा नीचे रहा, लेकिन यहां भी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
बांका (68.91%), भागलपुर (66.03%) और सुपौल (70.69%) जैसे जिलों में मतदान का रुझान यह दर्शाता है कि मतदाता विकास और स्थानीय मुद्दों को लेकर गंभीर हैं। उत्तर बिहार के सीतामढ़ी (65.29%) और शिवहर (67.31%) में भी लोगों ने लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हालांकि नवादा जिला मतदान में सबसे पीछे रहा, जहां केवल 57.11% वोटिंग हुई। स्थानीय स्तर पर मतदाताओं की कम भागीदारी के पीछे संगठनात्मक कमजोरी और उम्मीदवारों के प्रति असंतोष को कारण बताया जा रहा है। Bihar exit poll | bihar election | Bihar EBC | bihar polls | 2025 Bihar Polls Preparation
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