पटना, आईएएनएस। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस की सदस्यों ने शनिवार को राजभवन की ओर मार्च निकाला। यह मार्च महिलाओं के अधिकारों और राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ाने की मांग को लेकर आयोजित किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल हुईं और नारे लगाते हुए अपनी मांगों को बुलंद किया।
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महिलाओं के अधिकारों की मांग
हालांकि, जैसे ही प्रदर्शनकारी राजभवन के पास पहुंचे, पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर मार्च को रोकने की कोशिश की, इसके बाद कुछ देर तक वहां तनाव की स्थिति बनी रही। महिला कांग्रेस की सदस्यों ने पुलिस के इस कदम का विरोध किया और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की बात दोहराई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महिलाओं को उनका हक मिलना चाहिए और इसके लिए आरक्षण जरूरी है।
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देश की आधी आबादी को पूरा हक
वहीं, बिहार कांग्रेस की पूर्व सचिव रीता सिंह ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि महिलाएं, जो देश की आधी आबादी हैं, उन्हें उनका पूरा हक मिलना चाहिए। रीता सिंह ने कहा, "सिर्फ वादे करने से काम नहीं चलेगा। सरकार को 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करना चाहिए। केंद्र और बिहार में आपकी सरकार है, फिर इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है?"उन्होंने बिहार में महिलाओं की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए हाल के अपराधों का उदाहरण दिया।
रीता सिंह ने कहा, " कहीं महिलाओं को मारकर उनके पैर में कील ठोक दी गईं। इतने शर्मनाक मामले हो रहे हैं, फिर भी सरकार कहती है कि महिलाएं सुरक्षित हैं।" उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार महिलाओं को आरक्षण देने की बात करती है, तो इसे लागू करने में क्या रुकावट है। रीता सिंह ने सरकार के पुराने वादों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "युवाओं को नौकरी, लोगों के खाते में 15 लाख रुपये देने जैसे वादे किए गए, लेकिन कुछ भी पूरा नहीं हुआ। अब महिलाओं के साथ भी वही ठगी हो रही है।"
उन्होंने चेतावनी दी कि महिलाएं अब अपने हक के लिए लड़ेंगी और इसे लेकर रहेंगी। रीता सिंह ने राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने पंचायत में आरक्षण लागू किया था, लेकिन मौजूदा सरकार सिर्फ बातें कर रही है। उन्होंने कहा, "महिलाएं मूर्ख नहीं हैं, वे अपना अधिकार लेना जानती हैं।"
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