नई दिल्ली, आईएएनएस। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के लिए एक मल्टीमॉडल, बहुभाषी (मल्टीलिंग्वल) ई-गवर्नेंस समाधान लागू करने के लिए डिजिटल इंडिया 'भाषिणी' के साथ सहयोग की घोषणा की है।
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मल्टीमॉडल, बहुभाषी समाधान
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत उठाया गया है ताकि शिकायत निवारण प्रणालियों में गुणात्मक सुधार लाया जा सके और नागरिकों के लिए अधिक संवेदनशील, सुलभ और सार्थक बनाया जा सके। मल्टीमॉडल, बहुभाषी समाधान के साथ, यह परिकल्पना की गई है कि नागरिक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर 22 क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से आसानी से शिकायत दर्ज करा सकेंगे।नागरिक शिकायत दर्ज करने के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषा में बोल कर आवाज का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह समाधान सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर पहुंच और नेविगेशन को भी आसान बनाएगा।
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भविष्य का रोडमैप तैयार
सरकार ने कहा कि डीएआरपीजी-भाषिणी के इस सहयोग से नागरिकों के लिए अधिक कुशल, सुलभ और उत्तरदायी शासन प्रणाली के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार होगा। भाषिणी का सीपीजीआरएएमएस के साथ इंटीग्रेशन एआई-पावर्ड, बहुभाषी नागरिक जुड़ाव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भाषा संबंधी बाधाएं अब शिकायत निवारण और सार्वजनिक सेवा पहुंच में बाधा नहीं बनेंगी। यह समाधान जुलाई 2025 तक लागू होने की उम्मीद है। इस बीच, इस सप्ताह संसद में पेश की गई जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 और फरवरी 2025 के बीच केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के तहत 56 लाख से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया।
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सीपीजीआरएएमएस पोर्टल
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "1 नवंबर 2022 से 28 फरवरी 2025 तक सीपीजीआरएएमएस पर कुल 52,36,844 शिकायतें प्राप्त हुईं और इस प्रणाली के माध्यम से 56,63,849 शिकायतों का निपटारा किया गया।" मंत्री ने कहा कि 28 फरवरी तक भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों में 59,946 जन शिकायत मामले पेंडिंग हैं। नागरिक 5.1 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस बीच, डीएआरपीजी द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 50,088 जन शिकायतों का निवारण किया गया, जबकि सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर ऐसे पेंडिंग मामलों की संख्या 1,90,994 है।
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