चंडीगढ़, वाईबीएन नेटवर्क
पटियाला के पोलो ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद आयोजित समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही पंजाब को केंद्र सरकारों की प्रतिगामी और विनाशकारी नीतियों के कारण अकल्पनीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है।
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अपनी मांगों के लिए किसान आज भी दिल्ली-पंजाब बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे मान
मुख्यमंत्री मान ने इस बात पर चिंता व्यक्त करी कि जो किसान देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, वो आज भी अपनी मांगों के लिए दिल्ली-पंजाब बॉर्डर पर आंदोलन कर रहें हैं। उन्होंने कहा, "ट्रैक्टर, जो खेतों का राजा है, केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के कारण अनाज उत्पादन के बजाय दिल्ली की सड़कों पर चलने को मजबूर है।"
उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को स्वीकार करने की अपील की, ताकि वे देश की सेवा बेहतर तरीके से कर सकें। मान ने कहा कि किसानों की दुर्दशा हर उस भारतीय को आहत करती है, जो संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखता है।
ममुख्यमंत्री मान वे केंद्र पर लगाए कई आरोप
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्य के 5,500 करोड़ रुपये के RDF (Rural Development Fund) के बकाया हिस्से को अभी तक जारी नहीं किया है, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा, की राज्य भिखारी नहीं हैं और उन्हें केंद्र से उनके वैध धन की प्राप्ति होनी चाहिए, न कि उन्हें परेशान किया जाना चाहिए।
मान ने पंजाब के किसानों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, उन्होंने देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, हालांकि इसके लिए उन्हें राज्य के उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन भी करना पड़ा है।
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अंत में, मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि स्वतंत्रता के समय, जब देश जश्न मना रहा था, पंजाब, एक पड़ोसी राज्य होने के नाते, कड़ी सम्सया का सामना कर रहा था, जिसमें लाखों पंजाबी मारे गए, बेघर हुए, और कई किसानों ने अपनी जमीन और संपत्ति कर गवा दी।