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Kanwar Yatra 2025: दिल्ली में भी कांवड़ रूट पर मीट-मछली बिक्री पर रोक, कल से लागू रहेगा बैन

दिल्ली सरकार ने सावन महीने और कांवड़ यात्रा के मद्देनजर कांवड़ रूट पर मीट और मछली की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया है। यह बैन 11 से 31 जुलाई तक लागू रहेगा। जानें किन इलाकों में रहेगा असर।

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Dhiraj Dhillon
Kanwar Yatra 2025
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा का शुभारंभ भी हो जाएगा। इस धार्मिक यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार और नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है। कांवड़ रूट पर पड़ने वाली सभी मीट और मछली की दुकानों को यात्रा के दौरान बंद रखा जाएगा। दिल्ली सरकार की यह पाबंदी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर लागू की गई है, जहां पहले ही कांवड़ मार्ग पर इस तरह की दुकानों पर रोक लगाई जा चुकी है। दिल्ली में यह आदेश 11 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रभावी रहेगा।

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धार्मिक भावनाओं का रखा जाएगा ध्यान

संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को अप्सरा बॉर्डर से लेकर करोलबाग तक कांवड़ मार्गों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया गया है। यात्रा मार्ग पर लगने वाले शिविरों की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सफाई, ट्रैफिक और मेडिकल सुविधाएं होंगी सशक्त

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कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली पुलिस और नगर निगम को विशेष निर्देश दिए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस को यातायात प्रबंधन और मार्ग नियंत्रण के लिए तैनात किया जाएगा। मुख्य कांवड़ मार्गों में दिलशाद गार्डन, सीलमपुर, कश्मीरी गेट और करोलबाग शामिल हैं, जहां से बड़ी संख्या में कांवड़िये गुजरते हैं।

पहली बार आर्थिक मदद और मुफ्त बिजली

इस बार दिल्ली सरकार पहली बार कांवड़ समितियों को आर्थिक सहायता भी दे रही है। कपिल मिश्रा ने बताया कि समितियों के खातों में 50% राशि अग्रिम दी जाएगी और शेष यात्रा के बाद। यह राशि ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक होगी। साथ ही, 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी प्रदान की जाएगी।
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दिल्ली से गुजरेंगे ढाई करोड़ से अधिक कांवड़िये 

सरकारी अनुमान के अनुसार, इस बार करीब 2.5 करोड़ श्रद्धालु दिल्ली के रास्ते हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर जाएंगे। उनके स्वागत के लिए ऐतिहासिक प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं और प्रत्येक शिविर में स्वास्थ्य, जल और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।
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