नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर बवाल मचा हुआ है। स्कूली छात्रों के पेरेंट्स लगातार विरोध जता रहे हैं। अभिभावकों से शिकायत मिलने के बाद रेखा गुप्ता सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी की मिली कई शिकायतों के बाद दिल्ली के 600 प्राइवेट स्कूलों का निरीक्षण किया और 10 से अधिक विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मनमानी फीस बढ़ाने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने की बात भी कही जा रही है।
जांच के लिए कमेटी का गठन
दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DOE) ने मनमाने ढंग से और अत्यधिक फीस बढ़ोतरी की मिली शिकायतों के बाद प्राइवेट स्कूलों की जांच के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया है। संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता वाली इन समितियों में शिक्षा उपनिदेशक, लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल हैं। उक्त टीम को निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है, जिनमें शिक्षा निदेशालय को प्राप्त शिकायतों में खासतौर पर उल्लिखित विद्यालय शामिल हैं।
मनमानी फीस मांगने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द होगी?
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के अब तक 600 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया जा चुका है और यह प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर जारी है। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि मुनाफाखोरी के लिए मनमाने ढंग से फीस में बढ़ोतरी करने के लिए दोषी पाए गए स्कूलों को दिल्ली विद्यालय शिक्षा अधिनियम और नियम (डीएसईएआर) 1973 की धारा 24(3) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। इसमें कहा गया कि 10 से ज़्यादा ऐसे स्कूलों को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि गंभीर मामलों में मान्यता रद्द करने और स्कूल के प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने जैसी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि दिल्ली के कई नामी स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों ने स्कूलों की फीस में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी के आरोप लगाए। कई छात्रों को फीस दबाव के चलते स्कूल में प्रताड़ित करने की बात भी सामने आई। अभिभावकों ने बुधवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले को लेकर सियासत भी गर्म है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि रेखा गुप्ता सरकार की सांठगांठ के चलते स्कूल फीस बढ़ा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि स्कूलों का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन पर एक्शन लिया जाएगा।