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अल फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी>
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।अल फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को नई दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने जवाद को 13दिन की ईडी कस्टडी में सौंप दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने एक अदालत को बताया है कि अल फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी से भारत से खाड़ी देश भागने की फिराक में था। खाड़ी देशों में उसके कई करीबी रिश्तेदार हैं। उन्हें अपने ट्रस्ट द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के लिए गलत तरीके से कम से कम 415 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी।
अल फलाह विवि दिल्ली विस्फोट के केंद्र में रहा
बता दें कि फरीदाबाद और दिल्ली के संस्थानों में चली चौबीस घंटे से अधिक की रेड के बाद सिद्दीकी को मंगलवार रात गिरफ्तार किया था। छानबीन में पता चला है कि यह विश्वविद्यालय 10 नवंबर को लाल किला क्षेत्र में हुए विस्फोट की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु है। इस विस्फोट को विश्वविद्यालय के डाक्टर उमर नबी ने अंजाम दिया, जिसमें 15 लोग मारे गए थे और दो दर्जन से अधिक घायल हो गए थे। जवाद की गिरफ्तारी ईडी ने धनशोधन के मामले में की। अधिकारियों ने बताया कि निदेशालय ने फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय के ट्रस्टियों और प्रमोटरों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में एक साथ छापेमारी की।
ट्रस्ट ने झूठे मान्यता के साक्ष्य प्रस्तुत किए थे
अल फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद को बुधवार सुबह ईडी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान (साकेत कोर्ट) के आवास पर पेश किया गया, जहां एजेंसी ने उनसे 14 दिनों की हिरासत में पूछताछ की मांग की। अदालत ने उन्हें 1 दिसंबर तक 13 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया। एजेंसी ने अदालत को बताया कि सिद्दीकी के निर्देशन में विश्वविद्यालय और उसके नियंत्रक ट्रस्ट ने झूठे मान्यता और मान्यता के दावों के आधार पर छात्रों और अभिभावकों को बेईमानी से धन देकर 415.10 करोड़ रुपये की आपराधिक आय अर्जित की। ईडी यह भी दावा किया गया कि सिद्दीकी की गिरफ्तारी आवश्यक थी, क्योंकि उनके फरार होने और सहयोग न करने की आशंका थी।
गंभीर आर्थिक अपराधों का इतिहास
कहा जा रहा है कि "आरोपी के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन और प्रभाव है और उसका गंभीर आर्थिक अपराधों का इतिहास रहा है। उसके करीबी परिवार के सदस्य भी खाड़ी देशों में बसे हुए हैं और उसके पास भारत से भागने के कई कारण हैं। ईडी ने अदालत को बताया, "मौजूदा आरोपों की गंभीरता (जिसमें अपराध की आय सैकड़ों करोड़ रुपये आंकी गई है) और पीएमएलए के तहत संभावित परिणामों को देखते हुए, यह आशंका वाजिब है कि अगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह फरार हो सकता है या प्रभावी पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो सकता है, अपनी संपत्ति और खुद को अधिकार क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित कर सकता है, और जाँच में देरी या बाधा उत्पन्न कर सकता है।"
बेहद शातिर और शार्प माइंड है सिद्दीकी
ईडी ने बतायाकि सिद्दीकी संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी था जो अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट को नियंत्रित कर रहा था और अल फलाह विश्वविद्यालय और उसके संस्थानों पर वास्तविक प्रभाव रखता था। इसने आरोप लगाया कि सिद्दीकी से हिरासत में पूछताछ "अपराध की आय" की पूरी सीमा का पता लगाने और उसका आकलन करने के लिए ज़रूरी थी, जिसमें आयकर रिटर्न (आईटीआर) के आंकड़ों में अभी तक दिखाई नहीं देने वाली आय भी शामिल है, और पीएमएलए के तहत समय पर कुर्की और ज़ब्ती को सक्षम बनाने के लिए भी।
ईडी का दावा, अभी और राज खुलेंगे
ईडी ने यह भी दावा किया कि सिद्दीकी का विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के तहत आने वाले अन्य संस्थानों के प्रवेश रजिस्टर, शुल्क बहीखाते, खातों और आईटी प्रणालियों को संभालने वाले कर्मचारियों पर "कंट्रोल" है और वह "रिकॉर्ड नष्ट या बदल सकता है"। पूरा अल फलाह शैक्षिक तंत्र उसके (सिद्दीकी) द्वारा नियंत्रित है और अब तक 415.10 करोड़ रुपये की अपराध की आय का केवल एक हिस्सा ही पहचाना जा सका है। ईडी ने उसकी रिमांड मांगते हुए अदालत को बताया। एजेंसी ने कहा कि 1990 के दशक से पूरे अल फलाह समूह में "तेज़ उछाल" आया है, जो एक बड़े शैक्षिक निकाय में बदलहो गया है।
सिद्दीकी के वकील ने कहा, झूठी कहानी गढ़ी गई
सिद्दीकी के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। अदालत ने सिद्दीकी को ईडी को 13 दिनों की रिमांड पर देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी पीएमएलए के प्रावधानों के अनुसार और अपराध की "गंभीरता" को देखते हुए की गई है और जाँच अभी प्रारंभिक चरण में है। ईडी ने अल फलाह समूह के खिलाफ धन शोधन विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस की दो प्राथमिकियों का संज्ञान लिया है।
क्या है अल फलाह का अर्थ
इस्लाम धर्म में फलाह का मतलब सफलता (Success) होता है। ऐसे में इस्लाम में अल-फलाह का मतलब हुआ अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने से दुनिया और आखिरत के बाद जन्नत के रूप में मिलने वाली सफलता। लेकिन अल फलाह के कारनामे उसके नाम के अनुरूप नहीं थे। Al Falah group chairman | ED | ed raid bhupesh baghel son | ED investigation India
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