Advertisment

Bakra Eid: सजी सबसे बड़ी बकरा मंडी, मेवाती नस्ल की सबसे ज्यादा डिमांड, रेट सुनकर चौंक जाएंगे

ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले देश की सबसे बड़ी बकरा मंडी में विक्रेताओं और खरीदारों की भीड़ जुट रही है। देश की सबसे बड़ी बकरा मंडी में 10 हजार से लेकर 5 लाख तक की कीमत वाले बकरे बिक रहे हैंं।

author-image
Pratiksha Parashar
एडिट
bakraeid
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कईद-उल-अजहा (बकरीद) इस साल 7 जून को मनाई जा रही है। बकरीद (bakrid) का दिन कुर्बानी और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, और इसी मौके पर देशभर में खास तैयारियां की जाती हैं। राजधानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में स्थित मीना बाजार के सामने देश की सबसे बड़ी बकरा मंडी सजी हुई है, जहां दूर-दराज से व्यापारी और खरीदार जुट रहे हैं।

बकरों की मंडी में रौनक, कीमतें छू रहीं आसमान

बकरा मंडी में कई दुर्लभ नस्लों के बकरे बिक रहे हैं, जिनकी कीमतें 5 लाख रुपये तक पहुंच रही हैं। यहां आने वाले व्यापारी और ग्राहक बकरों को प्यार से "बच्चा" कह कर बुलाते हैं। इन बकरों की उम्र आम तौर पर 1 से 2 साल के बीच होती है और उनके खानपान का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि उनकी सेहत और दिखावट पर कोई असर न पड़े। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंडी में बकरे की कीमतें आसमान छू रही हैं। मीना बाजार में 10 हजार से लेकर लाखों की कीमत वाले बकरे बिक रहे हैं। 160 किलोग्राम वाले बकरे 5 लाख रुपये तक में बिक रहे हैं।

bakraeid

Advertisment

मेवाती बकरे की सबसे ज्यादा डिमांड

इस बार मंडी में तोतापुरी, पंजाबी, बरबारे, लाहौरी और मेवाती नस्लों के बकरों की खूब डिमांड है। लेकिन मेवाती नस्ल सबसे अलग और खास मानी जा रही है। इसके बकरे अपने शानदार लुक, कद-काठी और चाल-ढाल से ग्राहकों का दिल जीत लेते हैं। मेवाती बकरों की देखभाल में भी ज्यादा मेहनत लगती है। इन्हें चना, तेल, ड्रायफ्रूट्स और हरा चारा खिलाया जाता है। ये दिन में तीन बार हाथ से खाना खाते हैं। इसलिए कई खरीदार मंडी में ही इन्हें छोड़ जाते हैं और डिलिवरी कुर्बानी से एक दिन पहले कराई जाती है।

अलग-अलग राज्यों से लाते हैं बकरे

Advertisment

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बकरे की देखभाल में महीने का खर्च 25 हजार रुपये तक आता है। कई लोग इन्हें शौकिया पालते हैं कुछ तो बकरीद के बाद मंडी से खरीदकर पूरे साल पालते हैं और फिर अगली बार उन्हें मंडी में बेचने लाते हैं। बकरे अलग-अलग राज्यों से लाए जाते हैं जैसे राजस्थान, अलवर, बीकानेर और हनुमानगढ़। उनके नाम भी अलग होते हैं- जैसे तोतापुरी को दिल्ली में अवलक, और राजस्थान के बकरों को पीला गजरा या मुल्तान कहा जाता है। मंडी कारोबारियों के मुताबिक, इस बार का बाजार अब तक का सबसे अच्छा रहा है। bakra eid | bakra qurbani | delhi | eid 2025 

delhi eid 2025 bakra qurbani bakra eid
Advertisment
Advertisment