नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव को लेकर दिल्ली का सियासी पारा हाई है। राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी का माहौल है। चर्चाएं थीं कि दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकता है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया है। दिल्ली नगर निगम (MCD) में मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा फैसला लिया है। आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि वह इस बार मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार नीहं उतारेगी।
आम आदमी पार्टी का बड़ा फैसला
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने ऐलान करते हुए कहा है कि दिल्लि नगर निगम मेयर चुनाव में भाजपा को मेयर बनाने का पूरा मौका दिया जाएगा। आतिशी ने कहा कि हम दिल्ली की जनता का सम्मान करते हैं और किसी भी पार्षद को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे। वहीं सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा को अब ट्रिपल इंजन नहीं, बल्कि चार इंजन की सरकार बनाने का मौका मिल गया है। आम आदमी पार्टी के फैसले के बाद भाजपा का मेयर चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है।
"भाजपा हमेशा सत्ता के पीछे के दरवाज़े तलाशती है": आतिशी
आप नेता आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का इतिहास रहा है कि वह जनादेश के बिना भी सत्ता में आने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि कई राज्यों में भाजपा ने चुनावी हार के बावजूद सरकार बना ली। यही पैटर्न अब दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में भी दोहराया गया।" आतिशी ने दावा किया कि बीते ढाई सालों से भाजपा लगातार 'आप' के पार्षदों पर दबाव बना रही है — उन्हें डराने, लालच देने और अपने खेमे में लाने की कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस तरह की राजनीति में यकीन नहीं रखती। हम जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं और किसी पार्षद को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे।
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी को 134 और भाजपा को 104 सीटें मिली थीं। इसके बावजूद भाजपा लगातार पार्षदों को तोड़ने की राजनीति कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "अब भाजपा के पास डबल इंजन या ट्रिपल इंजन नहीं, बल्कि चार इंजन की सरकार चलाने का मौका है।" सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में जीत हासिल की थी, तब भाजपा ने मेयर चुनाव को रोकने की भरसक कोशिश की थी। उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा था। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की माइक तोड़ने जैसी हरकतें इस बात का सबूत थीं कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह नहीं करती।
भाजपा के पास बहुमत?
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 22 मार्च को एमसीडी के लिए 14 विधायकों को नामित किया, जिनमें 11 भाजपा और तीन आप के विधायक हैं। दिल्ली नगर निगम की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो संख्या बल बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहा है। वर्तमान में 274 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में भाजपा के पास 135 और आप के पास 119 सदस्यों का समर्थन है। बहुमत के लिए 132-133 वोट चाहिए। 12 सीटें खाली हैं क्योंकि 11 पार्षद विधायक और एक सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ नहीं है, ऐसे में भाजपा का पलड़ा पहले से ही भारी नजर आ रहा है। अब आप ने चुनाव से अपने कदम पीछे खींचकर मेयर की कुर्सी के लिए भाजपा का रास्ता साफ कर दिया है।