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Delhi News : क्या योग से बदलेगी जिंदगी! जानिए — हज कमेटी अध्यक्ष कौसर जहां ने कही बड़ी बात!

दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने योग दिवस पर कहा कि PM मोदी के प्रयासों से UN ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। उन्होंने योग को शारीरिक-मानसिक संतुलन व कल्याण के लिए ज़रूरी बताया। उनका बयान योग की सार्वभौमिकता दर्शाता है।

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Ajit Kumar Pandey
Delhi News : क्या योग से बदलेगी जिंदगी! जानिए — हज कमेटी अध्यक्ष कौसर जहां ने कही बड़ी बात! | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।योग दिवस 21 जून को हर साल मनाया जाता है, और इस बार दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने इसके महत्व पर ऐसी बात कही है जो सबको हैरान कर रही है! उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया, और क्यों योग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए इतना ज़रूरी है। उनकी इस बात ने एक नई बहस छेड़ दी है, कि क्या योग वाकई हर इंसान की जिंदगी में संतुलन ला सकता है, चाहे वो किसी भी धर्म या समुदाय का हो? यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी!

कौसर जहां के बयान ने खींचा सबका ध्यान

आज शनिवार 21 जून 2025 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐसा बयान आया है, जिसने कई लोगों का ध्यान खींचा है। दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष, कौसर जहां ने योग के महत्व पर खुलकर बात की है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरी दुनिया 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। कौसर जहां ने इस बात पर खास ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की वजह से ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण, संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। योग संतुलन लाता है और हमारे मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिए भी आवश्यक है।"

कौसर जहां का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि योग अब किसी एक धर्म या समुदाय से जुड़ा नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण का एक प्रतीक बन गया है। योग सिर्फ शारीरिक कसरत नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा को जोड़ने का एक माध्यम भी है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहां तनाव, चिंता और मानसिक परेशानियां बढ़ती जा रही हैं, वहां योग एक संजीवनी बूटी का काम कर सकता है। यह हमें शांत रहने, एकाग्रता बढ़ाने और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

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हजारों साल पुराना है योग का इतिहास

अगर हम योग के इतिहास पर नज़र डालें, तो यह हज़ारों साल पुराना अभ्यास है जिसकी जड़ें भारत में हैं। लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसकी लोकप्रियता पूरे विश्व में फैली है। इसकी वजह यह है कि योग के फायदे केवल शारीरिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी देखे गए हैं। नियमित योग अभ्यास से न सिर्फ बीमारियां दूर रहती हैं, बल्कि जीवन में एक सकारात्मक बदलाव भी आता है। यह हमें खुद को बेहतर तरीके से समझने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है।

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योग पर बढ़ रही है जागरूकता

दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष का योग पर बात करना यह भी दिखाता है कि समाज के हर वर्ग में योग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। यह एक ऐसा पुल है जो लोगों को जोड़ता है, भले ही उनके विचार या मान्यताएं अलग हों। योग संतुलन जीवन के हर क्षेत्र में ज़रूरी है। चाहे वह काम हो, रिश्ते हों, या हमारी अपनी सेहत। कौसर जहां ने बिल्कुल सही कहा कि योग हमारे मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिए आवश्यक है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, और योग इस लक्ष्य को प्राप्त करने का एक बेहतरीन तरीका है।

इस बयान के बाद, यह उम्मीद की जा सकती है कि योग के फायदे और भी ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे। समाज के विभिन्न वर्गों से आने वाले लोग भी योग को अपनाएंगे और इसके लाभों से अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएंगे। कौसर जहां ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि योग सबको जोड़ता है और स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। यह एक ऐसा योग अभ्यास है जो हर किसी को करना चाहिए।

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आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या योग वाकई धर्म या समुदाय की सीमाओं से परे है और हर किसी के लिए फायदेमंद है? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं!

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