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'जब कार एक्सीडेंट के बाद डर गई थी मैं पिता ने दी थी हिम्मत', सीएम रेखा गुप्ता का भावुक करने वाला पोस्ट

जनसुनवाई के दौरान प्राणघातक हमले के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने पिता का याद करते हुए बेहद भावुक कर देने वाला वाकया शेयर किया है।

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Mukesh Pandit
Delhi Cm Rekha Gupta

सीएम रेखा गुप्ता

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई के दौरान प्राणघातक हमले के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने पिता का याद करते हुए बेहद भावुक कर देने वाला वाकया शेयर किया है। साथ ही कहा है कि कैसे उनके पिता ने कार एक्सीडेंट होने के बाद उनका हौंसला बढ़ाया और संघर्षों का सामना करते हुए आगे बढ़ने की सीख दी। 

पापा ने कहा- जीवन में दुर्घटनाएं होती रहती हैं

सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि जब मैं कॉलेज में थी, तब पापा ने मुझे कार चलाने के लिए दी। एक दिन बड़ा एक्सीडेंट हो गया। मैं डर गई और मुझे दोबारा कार को हाथ लगाने से डर लगने लगा। तब पापा ने कहा कि जीवन में दुर्घटनाएं होती रहती हैं, डरकर रुकना नहीं है। आप रास्ते पर चलना नहीं छोड़ सकतीं। साथ ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर एक तस्वीर भी शेयर की है। उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए एक किस्सा भी सुनाया। 

हरेक विधानसभा में होगी सुनवाई

हमले के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब जनसुनवाई सिर्फ मेरे घर पर ही नहीं, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा में होगी। उन्होंने कहा कि वह हमेशा दिल्ली की जनता के हित में लड़ती रहेंगी और उनका पूरा जीवन दिल्ली के नाम है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वैसे भी, महिलाओं में तकलीफों से लड़ने की दोहरी ताकत होती है।

उन्हें अपने आप को साबित करने के लिए अनगिनत परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। मैं भी तैयार हूं। साथ ही उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब जनसुनवाई केवल मेरे घर पर ही नहीं, दिल्ली की हर विधानसभा में होगी। आपकी मुख्यमंत्री, आपके द्वार।delhi cm | delhi cm news | Rekha Gupta father support not present in content

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उन्होंने पोस्ट में अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता का जिक्र करते हुए लिखा,

मिलाकर चलना होगा।"
“बाधाएं आती हैं आएं,
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा”

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