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दिल्ली धमाका में एनआईए को मिली बड़ी कामयाबी, आत्मघाती हमलावर उमर का सहयोगी गिरफ्तार

गिरफ्तार सह-अभियुक्त से पूछताछ से संकेत मिला कि उमर, एक 'कट्टर कट्टरपंथी' था और उसने ज़ोर देकर कहा कि उनके अभियानों के लिए एक आत्मघाती हमलावर ज़रूरी था। उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया है।

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Mukesh Pandit
Red Fort Security

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए कार बम विस्फोट मामले में बड़ी कामयाबी हासिल की है। एनआईए ने इस मामले में कश्मीर के रहने वाले आमिर राशिद अली नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि शख्स ने आत्मघाती हमलावर के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की साजिश रची थी। इस हमले में 13 लोगों की जान चली गई थी और 32 अन्य घायल हो गए थे। गिरफ्तार सह-अभियुक्त से पूछताछ से संकेत मिला कि उमर, एक 'कट्टर कट्टरपंथी' था और उसने ज़ोर देकर कहा कि उनके अभियानों के लिए एक आत्मघाती हमलाज़रूरी था।

आमिर राशिद दिल्ली से गिरफ्तार

एनआईए ने आमिर राशिद अली को राजधानी दिल्ली से गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया था।एनआईए की जांच से पता चला था कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा निवासी आरोपी ने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी।

आमिर ने की थी कार खरीदने में मदद

आमिर उस कार की खरीद में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसका इस्तेमाल विस्फोट करने के लिए वाहन-आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के रूप में किया गया था।

अब तक 73 गवाहों से पूछताछ

एनआईए ने फोरेंसिक जांच से वाहन-आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के मृत चालक की पहचान उमर उन नबी के रूप में की है, जो पुलवामा जिले का निवासी था और फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय में जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर था।आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने नबी से संबंधित एक अन्य वाहन को भी जब्त कर लिया है। मामले में सबूत के लिए वाहन की जांच की जा रही है, जिसमें एनआईए ने अब तक 10 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में हुए विस्फोट में घायल हुए लोगों सहित 73 गवाहों से पूछताछ की है।

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दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और विभिन्न सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हुए एनआईए विभिन्न राज्यों में अपनी जांच जारी रखे हुए है। एनआईए बम विस्फोट के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए विभिन्न सुरागों की तलाश कर रही है।

 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल 

श्रीनगर पुलिस ने तुरंत एक टीम दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड भेजी और डॉ. अदील राथर और डॉ. मुज़फ़्फ़र गनई सहित सह-अभियुक्तों से पूछताछ के आधार पर राजनीति विज्ञान में स्नातक जसीर उर्फ ​​'दानिश' को हिरासत में ले लिया। अपने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. जी. वी. संदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में श्रीनगर पुलिस ने पूरे 'सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। हिरासत में लिए गए व्यक्ति ने पिछले साल अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में 'डॉक्टर मॉड्यूल' से मिलने की बात स्वीकार की, जहाँ से उसे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में किराए के आवास में ले जाया गया।

ओवर-ग्राउंड वर्कर 

हिरासत में लिए गए व्यक्ति ने बताया कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक ओवर-ग्राउंड वर्कर (OGW) बनाना चाहते थे, लेकिन उमर ने कई महीनों तक उसका दिमाग़ इस तरह से धोया कि वह आत्मघाती हमलावर बन जाए।हालाँकि, इस साल अप्रैल में यह योजना तब नाकाम हो गई जब उस व्यक्ति ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को हराम मानने का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया।आत्मघाती हमलावर की तलाश की यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क की जाँच में एक नया ख़तरनाक आयाम जोड़ती है। सोर्स आईएएनएस/ ANI  NIA Delhi Case | Delhi Blast | Delhi Blast Investigation 

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