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दिल्ली में SIR: चुनाव आयोग ने दिल्ली में मतदाता सूची संशोधन की तैयारी शुरू की, पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य

बिहार के बाद, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने दिल्ली में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारी शुरू कर दी है। यह मतदाता सूचियों की शुद्धता और समग्रता सुनिश्चित करने के उसके संवैधानिक कर्तव्य का हिस्सा है।

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Mukesh Pandit
Election commission of india

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बिहार के बाद, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने दिल्ली में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारी शुरू कर दी है। यह मतदाता सूचियों की शुद्धता और समग्रता सुनिश्चित करने के उसके संवैधानिक कर्तव्य का हिस्सा है। एसआईआर प्रक्रिया की सही तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया शुरू होने से आने वाले दिनों में राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो सकती है। दिल्ली चुनाव आयोग ने कहा है कि जिन लोगों का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, उन्हें अपना गणना फॉर्म जमा करते समय पहचान पत्र दिखाना होगा।

मतदाता सूचियों की विश्ववनीयता बहाल करना प्राथमिकता

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट मेंकहा है कि जिन लोगों का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, उन्हें अपना गणना फॉर्म जमा करते समय पहचान पत्र दिखाना होगा। बयान में कहा गया है, "आम जनता को सूचित किया जाता है कि आयोग ने मतदाता सूचियों की विश्ववनीयता की रक्षा के अपने संवैधानिक दायित्व के निर्वहन हेतु पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने का निर्णय लिया है।" साथ ही, यह भी कहा गया है कि इस व्यापक प्रक्रिया के तहत, राष्ट्रीय राजधानी में भी विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाया जाएगा।

दिल्ली में 2002 की मतदाता सूची अपलोड

उल्लेखनीय है कि एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था पिछले महीने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर की समय-सीमा पर कहा था कि देशभर में इस प्रक्रिया के संचालन के लिए उपयुक्त तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी। इसी क्रम में सोशल मीडिया एक्स पर  एक पोस्ट में, दिल्ली के सीईओ ने 2002 की मतदाता सूची भी ऑनलाइन अपलोड की और वर्तमान विधानसभा क्षेत्रों को 2002 के विधानसभा क्षेत्रों से जोड़ा, ताकि मतदाता यह जांच सकें कि उनका (या उनके माता-पिता का) नाम उस पुरानी सूची में है या नहीं।

एसआईआर के दौरान घर-घर जाने के लिए बीएलओ नियुक्त

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सीईओ कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "सभी संबंधित अधिकारियों - जिला चुनाव अधिकारियों, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) - को प्रशिक्षण दिया गया है।" एसआईआर के दौरान घर-घर (एच2एच) दौरे के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ नियुक्त किए गए हैं। मतदाताओं से 2002 की सूची में अपने और अपने माता-पिता के नामों का सत्यापन करने के लिए कहा जा रहा है।

ये करना होगा काम

सीईओ दिल्ली के अनुसार, "जिनके नाम 2002 और 2025 की मतदाता सूचियों में हैं, उन्हें केवल गणना प्रपत्र और 2002 की मतदाता सूची का अंश जमा करना होगा। यदि किसी मतदाता का नाम 2002 की सूची में नहीं है, लेकिन उसके माता-पिता का नाम सूची में है, तो मतदाता को गणना प्रपत्र और 2002 की सूची में अपने माता-पिता का नाम दर्शाने वाले पहचान प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा। सीईओ की वेबसाइट पर पहले से ही 2002 की एसआईआर मतदाता सूची उपलब्ध है, और सत्यापन को आसान बनाने के लिए यह दिखाया गया है कि वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र 2002 में मौजूद निर्वाचन क्षेत्रों से कैसे मेल खाते हैं।

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