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Delhi में मिलावटी कुट्टू का आटा खाने से लोगों की बिगड़ी तबीयत, 200 से अधिक अस्पताल पहुंचे

नवरात्रि के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में मिलावटी कुट्टू के आटे के सेवन से 150-200 लोगों की तबियत खराब हो गई, जिनमें उल्टी की शिकायत हुई। सभी मरीज बीजेआरएम अस्पताल में भर्ती हुए, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई।

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Ranjana Sharma
Manali (70)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क: नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। इसी बीच मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। अब ऐसा ही मामला दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से मंगलवार सुबह सामने आया जब बड़ी संख्या में लोगों ने कुट्टू का आटा खाने के बाद अचानक तबियत बिगड़ने लगी। सूचना मिलते ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गए।

150 से 200 लोग पहुंचे अस्‍पताल 

दिल्ली पुलिस ने बताया कि मंगलवार सुबह जहांगीरपुरी और आसपास के इलाकों के 150-200 लोगों ने कुट्टू का आटा खाने के बाद उल्टी की शिकायत की। बीजेआरएम अस्पताल में सभी मरीजों की हालत स्थिर है। पुलिस ने आगे बताया कि पब्लिक अनाउंसमेंट के माध्यम से स्थानीय दुकानदारों और निवासियों को सतर्क किया जा रहा है। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए खाद्य विभाग को सूचित कर दिया गया है। बीजेआरएम अस्पताल के सीएमओ डॉ. विशेष यादव ने बताया कि करीब 150 से 200 लोग जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क, समयपुर, भलस्वा डेयरी, लाल बाग और स्वरूप नगर इलाकों से आपातकालीन वार्ड पहुंचे थे। सभी मरीजों की हालत स्थिर है। किसी को भी भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। 

मांग बढ़ने से शुरू होता है मिलावट का खेल 

इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने स्थानीय दुकानदारों, ठेले-खोमचे वालों और आम लोगों को बीट स्टाफ और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए जागरूक करना शुरू किया। साथ ही मामले को खाद्य विभाग तक पहुंचा दिया गया है ताकि आटे की गुणवत्ता और सप्लाई की जांच हो सके। इस मामले को लेकर डॉ. मीरा पाठक ने आईएएनएस को बताया कि त्योहारों के दौरान मांग बढ़ने से आपूर्ति में कमी आती है, जिसके कारण मिलावट, दूषित और खराब उत्पादों की बिक्री की समस्या होती है। मिलावट का मतलब है कि अगर कुट्टू के आटे की उपलब्धता कम हो तो उसमें बाजरे का आटा या मैदा मिला दिया जाता है। दूसरा, पुराने आटे में नया आटा मिलाकर ताजा पैकेजिंग में बेचा जाता है। तीसरा, पुराना या खराब आटा, जिसमें धूल या बैक्टीरिया का दूषण होता है, उसे बेच दिया जाता है।

हमेशा सील पैक आटा खरीदें

उन्होंने बताया कि कई बार गोदाम में नमी के कारण आटा खराब हो जाता है, जिससे उसमें फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण हो जाता है। इन सबके कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। एक अन्य कारण एलर्जी भी हो सकती है। अगर बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण है, तो उल्टी, बुखार, पेट दर्द और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, एलर्जी के कारण खुजली या त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। डॉ. पाठक ने सुझाव दिया कि इससे बचने के लिए हमेशा सील पैक आटा खरीदें, खुला आटा न लें, ब्रांडेड आटा चुनें और उसकी एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करें। साथ ही, कम मात्रा में आटा खरीदें और बड़े कंटेनर लेने से बचें। इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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इनपुट, आईएएनएस
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