/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/05/partially-submerged-houses-2025-09-05-06-59-18.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार सुबह सात बजे 207.33 मीटर दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 208.48 मीटर पर था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह छह बजे जलस्तर 207.35 मीट पर था। अधिकारियों के अनुसार, आज जलस्तर और कम होने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों में नदी ने निचले इलाकों में कहर बरपाया है, जिससे कई मकानों में पानी भर गया, लोग विस्थापित हुए हैं और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है। जिला अधिकारियों ने लोगों को तैराकी, नौका विहार या मनोरंजन के उद्देश्य से उफनती नदी में जाने को लेकर आगाह किया है।
#WATCH दिल्ली: यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। निचले इलाकों में पानी घुसा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2025
वीडियो मयूर विहार फेज-1 में बाढ़ राहत शिविर से है। pic.twitter.com/3kvtzbFrk9
लोहा पुल बंद होने से 40 ट्रेनें निरस्त
फिलहाल दिल्ली में बाढ़ की स्थिति यह है कि यमुना का पानी सिविल लाइंस और दिल्ली सचिवालय के पास पहुंच चुका है। यमुना का पानी रिंग रोड सिविल लाइंस क्षेत्र की सर्विस लेन में भरा गया है। वहीं, रिंग रोड पर कश्मीरी गेट के पास सड़क के दोनों तरफ वाहनों की रफ्तार थम गई है और लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पुराना लोहा पुल बंद होने से 40 ट्रेनें निरस्त की गई हैं।
आवाजाही के लिए रिंग रोड बंद
यमुना का पानी बृहस्पतिवार की शाम को ही रिंग रोड तक पहुंच गया था और निगम बोध घाट में तो दोपहर बाद ही पानी भर गया था। शाम को यह आईएसबीटी कश्मीरी गेट, रिंग रोड बायपास, शांति वन, राजघाट, दिल्ली सचिवालय और आईटीओ के आस-पास तक पानी पहुंच गया। इसे देखते हुए बृहस्पतिवार रात 9 बजे के करीब रिंग रोड के एक बड़े हिस्से को ट्रैफिक की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था।
ट्रैफिक पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, आईपी फ्लाईओवर से आईएसबीटी कश्मीरी गेट के बीच रिंग रोड के रास्ते आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। रिंग रोड बायपास को भी बंद कर दिया गया है। केवल नेताजी सुभाष मार्ग से निषादराज मार्ग और राजाराम कोहली मार्ग होते हुए गीता कॉलोनी की तरफ आने-जाने का रूट खुला हुआ था।
बाढ़ राहत शिविर में पर्याप्त शौचालयों का अभाव
पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार स्थित बाढ़ राहत शिविर में रह रहीं महिलाओं को शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। राहत शिविरों में रह रहीं महिलाएं तड़के उठकर खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। इनमें कई महिलाएं गर्भवती भी हैं। गर्भावस्था वैसे ही मुश्किल समय होता है और शिविर में शौचालयों की कमी ने स्थिति और भी कठिन बना दिया है। हम सभी महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं और अंधेरे में शौच जाती है ताकि कोई देख न सके।
हर कदम पर खतरा
शिविरों में रह रहीं युवतियां इस माहौल में परेशान हैं। एक युवती कहती है मुझे हर कदम पर डर लगता है कि कहीं फिसल न जाऊं। 17 वर्षीय मधु ने कहा, मैं मां से कहती हूं कि खुले में जाने में शर्म आती है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। अगर यहां अस्थायी शौचालय होते तो हम सम्मान के साथ रह पाते। यह एक-दो दिन की बात नहीं है, हमें हफ्तों तक यहीं रहना है। एक अन्य महिला रेशमपति (35) ने कहा कि सुबह टहलने आने वाले कई लोग खुले में शौच पर आपत्ति जताते हैं। रेशमपति ने कहा, "वे हमसे खुले में शौच नहीं करने को कहते हैं, मानो हमारे पास कोई और विकल्प हो। क्या कोई महिला खुले में ऐसा करना चाहती है? लेकिन मजबूरी है। सूर्योदय के बाद हम बाहर नहीं जा सकते...।
अस्थायी शौचालय की व्यवस्था तो दी जाती
हमें कम से कम अस्थायी शौचालय की व्यवस्था तो दी जानी चाहिए।’’ प्रीति (25) ने नहाने की समस्या का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम तिरपाल और कपड़े से अस्थायी घेरा बनाकर शिविर के अंदर नहाते हैं ताकि राहगीरों की नजर न पड़े। यह अपमानजनक है लेकिन कोई और विकल्प नहीं है।’’ रमा ने कहा, "आठ माह के गर्भ के साथ कपड़े बदलना तथा नहाना और भी कठिन हो जाता है। जहां दूसरे लोग जल्दी नहाकर कपड़े पहन लेते हैं, वहीं मुझे इसमें बहुत दिक्कत होती है। मैं आस-पास की महिलाओं से मदद मांगती हूं लेकिन वे भी परेशान हैं।" Yamuna flood 2025 | Yamuna in New Delhi | Yamuna danger mark