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रायपुर/दुर्ग, आईएएनएस
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि ईडी के पास उनके निवास के सर्च वारंट के तहत जांच करने का अधिकार था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मुख्य व्यवसाय खेती है और वे 140 एकड़ में खेती करते हैं। ईडी द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों में पुराने दस्तावेज शामिल थे। इनमें कुछ ऐसे भी दस्तावेज थे, जिनमें रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह का नाम था, जो देखकर ईडी अधिकारी चौंक गए। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी ने 33 लाख रुपये की नकद राशि जब्त की, जिसका हिसाब वह देंगे।
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बीजेपी की बौखलाहट का प्रतीक
भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी ने सभी जगहों पर जांच की। पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी के पास कोई ईसीआईआर नंबर भी नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज की कार्रवाई बीजेपी की बौखलाहट का प्रतीक है।
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अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए
इसके बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि "ईडी घर से चली गई है। मेरे घर में तीन मुख्य चीजें मिली हैं: 1. मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की बातचीत की पेन ड्राइव, 2. डॉ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागजात, 3. हमारे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्री धन और ‘कैश इन हैंड’ मिलाकर लगभग 33 लाख रुपये। इन सभी का हिसाब हम ईडी को दे देंगे। मुख्य बात यह है कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं।"
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