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Photograph: (Google)
जयपुर, वाईबीएन नेटवर्क। राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) में हुए घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है।प्रवर्तन निदेशालय (ED) का कहना है कि पूर्व PHED मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी ठेकेदारों से मोटा कमीशन वसूलते थे। बता दें कि ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी गुरुवार को जयपुर में लंबी पूछताछ के बाद की थी। महेश जोशी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं और उनसे मामले में गहन पूछताछ की जा रही है। इस गिरफ्तारी के बाद राजस्थान में सियासी माहौल गर्माने लगा है। पूर्व मंत्री और उनके समर्थकों का आरोप है कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
क्या है जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission)?
जल जीवन मिशन भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के माध्यम से स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस योजना के अंतर्गत देशभर में लाखों पाइपलाइन नेटवर्क बिछाए जा रहे हैं और जल स्रोतों को घरों से जोड़ा जा रहा है। राजस्थान जैसे जल संकट से जूझते राज्य में इस मिशन की अहम भूमिका रही है। राज्य में जेजेएम के तहत हजारों करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए हैं।
कैसे सामने आया घोटाला
ईडी ने पिछले कुछ महीनों में जल जीवन मिशन से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापों के दौरान एजेंसी को कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डेटा और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड मिले। सूत्रों के मुताबिक, इसी जांच के आधार पर महेश जोशी का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि वे ठेके मंजूर करवाने के बदले ठेकेदारों से कमीशन वसूलते थे।
राजस्थान की राजनीति में आया भूचाल
ईडी की कार्रवाई के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है, जबकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह "राजनीतिक प्रतिशोध" की कार्रवाई है। ईडी अब जोशी के बैंक खातों, संपत्तियों और लेन-देन की जांच कर रही है। इस मामले में और अधिकारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों से भी पूछताछ हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि इस घोटाले की परतें आने वाले दिनों में और खुल सकती हैं।