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Photograph: (Google)
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एलन मस्क की कंपनियों- स्पेस एक्स, टेस्ला और बिटकॉइन में निवेश का झांसा देकर सेना के एक सेवानिवृत्त कैप्टन से 72.16 लाख रुपये की ठगी की गई। शातिरों ने जनवरी 2024 में एलन मस्क, उनकी मां और उनकी मैनेजर बनकर कैप्टन से संपर्क किया, बाद में व्हाट्सएप पर भी बातचीत जारी रही। आरोपियों ने कंपनियों के शेयर में निवेश और रिफंड चार्ज के नाम पर ठगी की। साइबर क्राइम थाना एनआईटी के पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मांगर इलाके के फार्महाउस में रहने वाले सेवानिवृत्त कैप्टन शक्ति स्वरूप लुंबा ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।
फर्जी अकाउंट और कंपनियों के नाम पर ठगी
कैप्टन ने अपनी शिकायत में एना शेरमन नामक फर्जी एक्स अकाउंट, एलन मस्क की कंपनी एक्स एआई, फिनटार्क्स कंपनी, वेबसाइट bitxace.live, tslaprostocks.com, के अलावा राहुल सरकार, शोएन हबीब मोला, केशब रॉय, परीमल, दीपक चकवर्ती, विक्रमजीत सिंह, और मुकेश कुमार पर ठगी का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जनवरी 2024 में उन्हें दो एक्स अकाउंट- मस्कएक्स ऑफिशियल और एना शेरमन- से फॉलो किया गया। एना शेरमन ने खुद को एलन मस्क की मैनेजर और मेई मस्क ने खुद को उनकी मां बताया। बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता ने एलन मस्क के काम की सराहना की, जिससे उनका विश्वास जीत लिया गया।
व्हाट्सएप पर फर्जी एलन मस्क से बातचीत
आरोपियों ने दावा किया कि यदि वे स्पेस एक्स और टेस्ला में निवेश करें, तो उन्हें एलन मस्क से मिलवाया जाएगा। उन्हें अमेरिका का एक व्हाट्सएप नंबर दिया गया, जिसे एलन मस्क का नंबर बताया गया। इस नंबर पर शिकायतकर्ता की बातचीत शुरू हो गई, जिसमें उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया गया।
निवेश का सिलसिला और ठगी
25 जनवरी 2024 को शिकायतकर्ता ने कोटक महिंद्रा बैंक में 2.91 लाख रुपये जमा कराए। एना शेरमन ने दावा किया कि उसने भी स्पेस एक्स और टेस्ला में निवेश किया है। इसके बाद शिकायतकर्ता ने धीरे-धीरे और पैसे लगाए। उन्हें बार-बार बताया जाता रहा कि उनके शेयर की कीमत बढ़ रही है। जब शिकायतकर्ता ने और निवेश करने से इनकार कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने कहा कि कंपनी के खाते फ्रीज हो गए हैं। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि एलन मस्क भारत आने वाले हैं और वे खुद उनके पैसे लौटा देंगे।
फाइल क्लियरेंस के नाम पर ठगी जारी
फरवरी 2024 में एक और आरोपी, विक्रमजीत सिंह, जो खुद को बेंगलुरु का क्रिप्टो करेंसी एजेंट बता रहा था, ने शिकायतकर्ता से संपर्क किया। उसने बताया कि उनके क्रिप्टो निवेश का मुनाफा 25 लाख रुपये हो गया है, जिसे 'सेव द चाइल्ड फाउंडेशन' को दान में दिया जा रहा है। खाते की वेरिफिकेशन के लिए आरोपी ने आयकर और ईडी अधिकारी टीसी अग्रवाल का नाम लिया। क्लियरेंस के नाम पर आरोपी ने 4 लाख रुपये की मांग की। जब आरोपी बार-बार अलग-अलग बहानों से पैसे मांगने लगे, तो शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ।