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हेमंत खंडेलवाल बने MP BJP के नए अध्यक्ष, जानिए आलाकमान ने क्यों सौंपी कमान?

मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल बने हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सीएम मोहन यादव ने हेमंत खंडेलवाल को भाजपा अध्यक्ष का सर्टिफिकेट सौंपा।

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Pratiksha Parashar
Hemant Khandelwal
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कमध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने नए प्रदेश अध्यक्ष का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। मध्य प्रदेश भाजपा की कमान हेमंत खंडेलवाल (Hemant Khandelwal) को सौंपी गई है। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और सीएम मोहन यादव ने हेमंत खंडेलवाल को भाजपा अध्यक्ष का सर्टिफिकेट सौंपा। खंडेलवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। उनके अध्यक्ष बनने पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता मध्य प्रदेश भाजपा को पूरे देश में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। सीएम मोहन यादव और निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी उन्हें शुभकमानएं दीं। आइए जानते हैं कि हेमंत खंडेलवाल कौन हैं और उन्हें भाजपा ने क्यों बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 

कौन हैं हेमंत खंडेलवाल?

हेमंत खंडेलवाल वर्तमान में बैतूल से विधायक हैं। हेमंत खंडेलवाल को बैतूल में ‘विकास पुरुष’ के तौर पर पहचाना जाता है। उनकी कार्यशैली में सादगी साफ दिखाई देती है। उन्होंने न कभी सुरक्षा गार्ड रखा, न ही गाड़ी पर नाम की पट्टिका लगाई, और न ही सरकारी आवास लिया। हेमंत खंडेलवाल सामाजिक सरोकारों में भी पीछे नहीं रहते। बैतूल जिले में अंतिम यात्रा के लिए वाहन की कमी को देखते हुए उन्होंने 2015 में अपने पिता की स्मृति में ‘शांति वाहन सेवा’ शुरू की। इस पहल के तहत अब तक लगभग 3300 शवों को उनके घर तक पहुंचाने का कार्य नि:शुल्क किया जा चुका है। यह सेवा शोक संतप्त परिवारों के लिए बड़ी राहत बनी है।

राजनीतिक सफर

हेमंत खंडेलवाल एक कुशल चुनावी रणनीतिकार और जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं। राजनीति में उनकी सक्रियता की शुरुआत महज 22-23 वर्ष की उम्र में हुई, जब वे अपने पिता विजय खंडेलवाल के चुनावी अभियानों को पर्दे के पीछे से संचालित करते थे। वर्ष 2007 में पिता के निधन के बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में वे पहली बार प्रत्याशी बने और यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। 2013 में उन्हें भाजपा ने बैतूल विधानसभा सीट से टिकट दिया और वे विधायक चुने गए। हालांकि 2018 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2023 में एक बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और वे दोबारा जीतकर विधानसभा पहुंचे।

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ऑपरेशन लोटस में अहम भूमिका

राजनीति के साथ-साथ संगठनात्मक समन्वय में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। वर्ष 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद जब भाजपा ने मध्यप्रदेश में दोबारा सरकार बनाने की कोशिश शुरू की, तब पार्टी के भीतर समन्वय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हेमंत खंडेलवाल को सौंपी गई थी। ऑपरेशन लोटस के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों की सुरक्षा और समन्वय की योजना में वे अहम भूमिका में रहे। इसी रणनीति के चलते भाजपा दोबारा सत्ता में लौटी और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन सके। यही वजह है कि पार्टी को खंडेलवाल के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी गई है। mp news | madhya pradesh | bjp 

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