Advertisment

High court ने नेल्लई मंदिर की संपत्ति अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए समिति गठन का दिया आदेश

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने तिरुनेलवेली स्थित ऐतिहासिक अरुलमिगु शंकरनारायण स्वामी मंदिर की अतिक्रमित संपत्तियों को मुक्त कराने और उनके रखरखाव के लिए एक संयुक्त समिति के गठन का आदेश दिया है।

author-image
Ranjana Sharma
blast (6)
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
मदुरै, आईएएनएस: मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने सोमवार को तिरुनेलवेली के ऐतिहासिक अरुलमिगु शंकरनारायण स्वामी मंदिर की अतिक्रमित संपत्तियों को वापस लेने और उनके रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिए।जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और मारिया क्लेटे की खंडपीठ ने तेनकासी जिला कलेक्टर को एक संयुक्त समिति बनाने का आदेश दिया, जो मंदिर की संपत्तियों की पहचान करे, अतिक्रमण हटाए और उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित करे।
Advertisment

अतिक्रमित संपत्तियों को नहीं किया गया सही से रखरखाव

अदालत ने मंदिर के भक्त और ट्रस्टी राधाकृष्णन की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। याचिका में कहा गया है कि यह प्राचीन मंदिर, जहां रोजाना हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का मालिक है। हालांकि, 2018 से हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग और जिला प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद, अतिक्रमित संपत्तियों को वापस लेने या उनके रखरखाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

मंदिर कीसंपत्तियों की सुरक्षा विभागों द्वारा होनी चाहिए 

Advertisment
अदालत ने कहा कि मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और रखरखाव विभाग के नियमों के अनुसार होने चाहिए, लेकिन कई वर्षों से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अतिक्रमणकारियों को मंदिर की जमीन से हटाया जाए और उससे होने वाली आय का उपयोग केवल मंदिर के रखरखाव और भक्तों के कल्याण के लिए किया जाए। अदालत ने तेनकासी जिला कलेक्टर को छह सप्ताह के भीतर संयुक्त समिति गठित करने और बैठक आयोजित करने का आदेश दिया। यह समिति अतिक्रमित संपत्तियों की पहचान कर कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई शुरू करेगी। साथ ही, याचिकाकर्ता राधाकृष्णन को भी इस समिति में शामिल करने का निर्देश दिया गया, क्योंकि वह पहले भी इस मुद्दे पर चर्चा में हिस्सा ले चुके हैं। इस फैसले के साथ, अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया। यह कदम मंदिर की संपत्तियों की रक्षा और उनके उचित उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। High Court
High Court
Advertisment
Advertisment