नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Shimla News: हिमाचल प्रदेश में इस साल 20 जून से शुरू हुए मानसून ने भारी तबाही मचाई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 298 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 152 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और मकान ढहने से हुईं, जबकि 146 लोगों की जान सड़क हादसों में गई। भारी बारिश के चलते प्रदेश का बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 400 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-03 और NH-305) शामिल हैं। इसके अलावा 208 ट्रांसफॉर्मर ठप और 51 पेयजल योजनाएं बाधित हैं।
मंडी जिला हुआ सबसे ज्यादा प्रभावित
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है जहां 220
सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें NH-03 भी शामिल है। वहीं, कुल्लू में 101 सड़कें अवरुद्ध हैं, खासकर बंजार और बालीचौकी इलाके में NH-305 कई जगहों पर कट गया है। अन्य जिलों में चंबा में 24, कांगड़ा में 12, सिरमौर में 9, शिमला में 8, किन्नौर में 2, लाहौल-स्पीति में 1 और बिलासपुर में 2 सड़कें बंद हैं।
बिजली आपूर्ति पर भी पड़ा असर
बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। मंडी में 134 ट्रांसफॉर्मर, कुल्लू में 17, चंबा में 26, किन्नौर में 23 और कांगड़ा में 6 ट्रांसफॉर्मर ठप हो गए हैं। जलापूर्ति योजनाओं में भी मंडी (36) और लाहौल-स्पीति (2) सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। राज्य प्रशासन ने सड़क खोलने, बिजली बहाली और पानी की आपूर्ति के लिए टीमें तैनात की हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।
SDMA की चेतावनी
स्टेट
डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) ने लोगों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासनिक सलाह का पालन करें।
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