बीना,मध्यप्रदेश, वाईबीएन डेस्क: मध्यप्रदेशकी राजनीति में ‘नाम’ को लेकर एक बार फिर बड़ा विवाद सामने आया है। मामला बीना के वीर सावरकर वार्ड का है जहां नगर पालिका उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैया शिलान्यास पत्थर पर अपना नाम न देखकर बुरी तरह भड़क उठे। बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर शिलान्यास पट्टिका को मौके पर ही तोड़ डाला।
नाम नहीं, तो पत्थर भी नहीं!
घटना बीना नगर के वीर सावरकर वार्ड स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के पास की है। यहां 15.60 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जब शिलान्यास पत्थर का अनावरण हुआ तो उपाध्यक्ष बिलगैया को पता चला कि उस पर उनका नाम ही नहीं है। इससे नाराज होकर उन्होंने आव देखा न ताव, और भूमि पूजन के लिए लाई गई कुदाल (फावड़े) से शिलान्यास पट्टिका को मौके पर ही टुकड़े-टुकड़े कर दिया।
उपाध्यक्ष का आरोप जानबूझकर अनदेखी की जा रही है
उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैया का आरोप है कि नगर पालिका के सीएमओ रामप्रकाश जगनेरिया उन्हें लगातार नजरअंदाज करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में उन्हें उचित स्थान या मान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि शिलान्यास पत्थर पर उनका नाम न होना उनके पद और सम्मान का सीधा अपमान है। इस घटना के बाद मामला और गरमा गया जब बीना की विधायक निर्मला सप्रे और नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार ने भी उपाध्यक्ष का समर्थन किया। दोनों ने माना कि शिलान्यास पट्टिका पर उपाध्यक्ष का नाम न होना गलत है और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर है।
फिर हुआ नया शिलान्यास कार्यक्रम
हालात बिगड़ते देख नगर प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। स्थिति को संभालने के लिए कुछ ही देर बाद दोबारा नया शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उपाध्यक्ष का नाम शामिल कर शिलापट्टी फिर से लगाई गई। मामले का दिलचस्प पहलू यह रहा कि जहां एक ओर उपाध्यक्ष बिलगैया कार्यक्रम स्थल पर जमकर नाराजगी जाहिर करते हुए शिलापट्टी तोड़ते नजर आए, वहीं इसके तुरंत बाद वे पूजा स्थल पर बैठकर विधिवत पूजा-अर्चना में भी शामिल हुए। mp