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संभल MP Ziaur Rahman Barq पर बिजली चोरी जुर्माने के मामले में सुनवाई 15 अप्रैल को, वकील ने मांगा समय

संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी के जुर्माने के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सांसद के वकील मोहम्मद नईम ने इस मामले में और समय देने की अपील की।

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Ranjana Sharma
MP Ziaur Rahman Barq
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संभल,वाईबीएन नेटवर्क।

संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी के जुर्माने के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सांसद के वकील मोहम्मद नईम ने इस मामले में और समय देने की अपील की। हालांकि, बिजली विभाग की तरफ से फिलहाल समय देने की कोई अनुमति नहीं दी गई है, और विभाग जुर्माने की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में है।संभल एक्सईएन नवीन गौतम ने बताया कि सांसद के वकील बिजलीघर पहुंचे थे और उन्होंने और समय देने का अनुरोध किया है। अब उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में तीन बार नोटिस भेजा जा चुका है और अब जुर्माने की अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके बाद जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी।

15 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

19 दिसंबर को सांसद जियाउर्रहमान बर्क के दीपा सराय स्थित आवास पर बिजली चोरी का मामला सामने आया था। जहां 16 किलोवाट से अधिक बिजली की खपत पाई गई थी। सांसद और पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के नाम पर लगे मीटर में कई महीनों की खपत शून्य पाई गई थी। मीटर की एमआरआई जांच में बिजली चोरी की पुष्टि हुई जिसके बाद इस मामले में सुनवाई जारी है। सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास के मामले में 15 अप्रैल को सुनवाई होगी। एसडीएम वंदना मिश्रा इस मामले की सुनवाई करेंगी। सांसद के आवास में हुए निर्माण की जांच विनियमित क्षेत्र और पीडब्ल्यूडी के जेई ने की थी और यह रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी गई है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सांसद के नाम नोटिस जारी करना गलत

11 दिसंबर 2024 को सांसद जियाउर्रहमान बर्क को उनके आवास में बिना अनुमति के निर्माण करने पर नोटिस जारी किया गया था। यह निर्माण उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 का उल्लंघन था। सांसद के पिता ममलुकुर्रहमान बर्क ने डीएम न्यायालय में अपील दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा कि निर्माण उनके नाम पर था न कि सांसद के नाम पर। सांसद के पिता का कहना है कि सांसद के नाम नोटिस जारी करना गलत था, क्योंकि वह निर्माण उनके नाम से था, जो पालिका में दर्ज है। वे चाहते हैं कि नोटिस उनके नाम पर जारी किया जाए ताकि वे अपना पक्ष रख सकें। 
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