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कातिल पूजा और वह घर जहां की गई सुशीला की हत्या
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झांसी डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में रहने वाली पूजा जाटव का चेहरा भले ही मासूम दिखता हो, लेकिन उसके पीछे खौफनाक इरादों की एक लंबी दास्तान छिपी है। पहले पति पर हमले से लेकर सास की हत्या तक पूजा की जिंदगी एक अपराध कथा बन चुकी है। हाल ही में उसने जमीन पर कब्जा जमाने की नीयत से अपनी सास की हत्या की साजिश रची, और उसे बेरहमी से मौत के घाट उतरवा दिया।
पहले पति से विवाद, फिर जेल
पूजा का आपराधिक इतिहास भी चौंकाने वाला है। पहले पति, जो रेलवे में कार्यरत था, से विवाद के बाद उसने उस पर जानलेवा हमला करवाया, जिसकी वजह से उसे जेल जाना पड़ा। जेल से रिहा होने के बाद कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी मुलाकात कल्याण राजपूत से हुई जो खुद भी आपराधिक प्रवृत्ति का था। दोनों लिव-इन रिलेशन में रहने लगे। कुछ महीनों बाद कल्याण की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। कल्याण की मौत के बाद पूजा गांव लौटी। जब घरवाले अंतिम संस्कार का भोज कर रहे थे, तब वह रोती-बिलखती पहुंची। परिवार ने दया दिखाते हुए उसे बहू की तरह घर में जगह दी और पढ़ाई तक करवाने की कोशिश की। लेकिन पूजा ने इस भरोसे का गलत फायदा उठाया। इस दौरान उसके संबंध कल्याण के विवाहित बड़े भाई संतोष से बन गए, जिससे एक बच्ची भी हुई। इससे घर में तनाव का माहौल बनने लगा और संतोष की पत्नी रागिनी मायके चली गईं।
साजिश रचकर की सास की हत्या
22 जून को पूजा ने संतोष और उसके पिता अजय प्रताप को किसी बहाने ग्वालियर बुलाया। उसी दिन उसकी बहन कामिनी और कामिनी का प्रेमी अनिल वर्मा गांव पहुंचे। तीनों ने मिलकर पहले सुशीला को चाय पिलाई फिर नशीला इंजेक्शन दिया और फिर हत्या कर दी। वारदात के बाद वे करीब 8 लाख रुपये के गहने और नकदी लेकर फरार हो गए।
ऐसे खुली हत्या की परतें
पहले शक घर की बड़ी बहू रागिनी पर गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स से असली साजिशकर्ता पूजा की पहचान हो गई। जांच में यह भी सामने आया कि पूजा ने हत्या वाले दिन सिम बदलकर खुद ही घर पर फोन किया था, ताकि खुद को बेगुनाह साबित कर सके। मृतका के भतीजे सौरभ ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे, तो सुशीला के हाथ-पैर बंधे हुए थे, मुंह में कपड़ा ठूंसा था और एक आंख नीली पड़ चुकी थी। मौके से चाय के कप, इंजेक्शन और एक डंडा बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में पहले कामिनी को गिरफ्तार किया और पूछताछ में सारा सच सामने आया। इसके बाद पूजा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि अनिल वर्मा अभी भी फरार है।
अब भी कई सवाल बाकी
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पूजा के पहले पति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह रेलवे में कार्यरत था और पूजा का कहना था कि उसने उसे झूठे केस में फंसाया था। यह भी स्पष्ट हो गया है कि पूजा किसी संगठित और सुनियोजित आपराधिक सोच के तहत अपने लाभ के लिए लगातार लोगों का इस्तेमाल करती रही है।
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