Advertisment

Naxal Encounter : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मारे गए 31 नक्सली, 2 जवान शहीद

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करना है, और यह अभियान उसी लक्ष्य के तहत चलाए जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने 6 जनवरी को इस संकल्प को दोहराया था।

author-image
Jyoti Yadav
एडिट
बीजापुर
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बीजापुर, वाईबीएन नेटवर्क 

Advertisment

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 31 नक्सली मारे गए। बस्तर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रविवार, 9 फरवरी की सुबह जंगलों में मुठभेड़ शुरू हुई। अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, "बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए। इस मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए, जबकि चार अन्य घायल हो गए। इलाके में तलाशी अभियान जारी है। 

इसे भी पढ़ें-Chhattisgarh Naxal Encounter : मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ का इनामी नक्सली, जानिए कौन है जयराम उर्फ चलपति

सुरक्षाबलों का अभियान जारी 

Advertisment

यह मुठभेड़ बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के एक अन्य अभियान के बाद हुई है, जिसमें एक सप्ताह पहले आठ माओवादी मारे गए थे। 31 जनवरी को माओवादी विरोधी अभियान पर निकली सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें आठ माओवादी मारे गए थे। यह विस्फोट बीजापुर जिले के बेदरे-कुटरू रोड पर हुआ था, जहां दंतेवाड़ा के डीआरजी जवान संयुक्त अभियान के बाद स्कॉर्पियो में सवार होकर लौट रहे थे। आईजी बस्तर ने बताया कि यह अभियान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर का था।  

2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का सरकार का लक्ष्य

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करना है, और यह अभियान उसी लक्ष्य के तहत चलाए जा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने 6 जनवरी को इस संकल्प को दोहराया था। इससे पहले,  बीजापुर जिले में माओवादियों ने आईईडी का इस्तेमाल करके एक वाहन को उड़ा दिया था, जिससे आठ जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) जवान और एक चालक की मौत हो गई थी।  

Advertisment

इसे भी पढ़ें-Encounter  on Chhattisgarh-Odisha border : छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर मुठभेड़, 14 से अधिक नक्सली ढेर

सुरक्षाकर्मियों पर सबसे बड़ा हमला  

एक अधिकारी के अनुसार, राज्य पुलिस की डीआरजी इकाई पर माओवादी हमला पिछले दो सालों में सुरक्षाकर्मियों पर किया गया सबसे बड़ा हमला था। इससे पहले, 26 अप्रैल 2023 को दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे एक काफिले को माओवादियों ने विस्फोटक से उड़ा दिया था, जिसमें दस पुलिस कर्मियों और एक नागरिक चालक की मौत हो गई थी।  

Advertisment

इसे भी पढ़ें-Chhattisgarh Chunav: छत्तीसगढ़ में पंचायत और निकाय चुनावों का ऐलान, जानें वोटिंग और नतीजों की तारीख

Advertisment
Advertisment