नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने
Pahalgam Terror Attack से जुड़े दो अहम आरोपियों- परवेज अहमद जठार और बशीर अहमद जठार को जम्मू की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया।
एनआईए की दर्खास्त पर अदालत ने पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को पांच दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है।
एनआईए अधिकारियों को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ के बाद कुछ अहम राज उगलवाए जा सकेंगे जो साजिश से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने में मददगार साबित होंगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 जून 2025 को होगी।
आतंकियों को दी थी पनाह
एनआईए की शुरुआती जांच में सामने आया है कि परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क क्षेत्र की मौसमी ढोक (झोपड़ी) में
तीन हथियारबंद आतंकियों को जानबूझकर पनाह दी थी। इन आतंकियों को उन्होंने न सिर्फ ठहरने की जगह दी बल्कि उन्हें भोजन, रसद और मार्गदर्शन भी प्रदान किया। इन्हीं आतंकियों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में धर्म के आधार पर पर्यटकों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतार दिया था।
अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला
यह हमला अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एनआईए ने दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। रविवार को गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने दोनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया था। परवेज और वशीर से पूछताछ के आधार पर एनआईए अब इस साजिश से जुड़कर आतंकियों की मदद करने वाले अन्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
टीआरएफ ने ली थी आंतकी हमले की जिम्मेदारी
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले की पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्करे तैयबा से निकले टीआएफ ने ली थी। उसके बाद भारत की ओर से पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों के खिलाफ
ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को उन्हीं के ठिकानों पर मौत के घाट उतार दिया था। पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में मदद करने के बजाय उल्टा भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया था। चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद भाारत- पाक के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ था।