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Breaking news: हिंसा प्रभावित Manipur में राष्ट्रपति शासन लागू, सीएम एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद रिक्त पड़ा था पद

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत तब लिया जाता है जब राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है। 

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Jyoti Yadav
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cm & gover

Photograph: (IANS)

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मणिपुर, वाईबीएन नेटवर्क 

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हिंसाग्रस्त मणिपुर में एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद, गुरुवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर और राज्य की परिस्थितियों की जानकारी के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया है। भाजपा राज्य में नए मुख्यमंत्री का चयन करने में विफल रही थी। इस अनुच्छेद के तहत राज्य में संवैधानिक प्रणाली के विफल होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।

9 फरवरी को दिया था बीरेन सिंह ने इस्तीफा

उल्लेखनीय है कि गत 9 फरवरी को एन. बीरेन सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इंफाल राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा था। भाजपा के  पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा और विधायकों के बीच कई दौर की चर्चा के बावजूद सीएम पद के लिए नए नेता के नाम की घोषणा करने में विफल रही। पात्रा ने पिछले दो दिन में राज्यपाल से दो बार मुलाकात की। पात्रा ने 11 फरवरी को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष ए. शारदा देवी के साथ भल्ला से बातचीत की और बुधवार को उन्होंने फिर राज्यपाल से मुलाकात की।

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हिंसा में 250 से अधिक लोग  मारे जा चुके हैं

मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू होने के लगभग 21 महीने बाद एन. बीरेन सिंह ने अपना पद छोड़ दिया था। इस हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए थे। केंद्र सरकार का कहना है कि वह मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने पिछले वर्ष मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी। इस बीच, संकेत मिल रहे थे कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। ऐसे में सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे को बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा था। सियासी चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस मौजूदा नेतृत्व से नाराज कुछ भाजपा विधायकों की मदद से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार कर रही थी। 

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इसे भी पढ़ें- Manipur CM Resign: बीरेन सिंह के इस्तीफे से क्या रुकेगी मणिपुर में हिंसा की आग?

मणिपुर में लगाए गए राष्ट्रपति शासन पर बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, 'यह एक निलंबित एनीमेशन है।'

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कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी बोले- ये लोकतंत्र की हत्या

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। जब अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही थी, तब राष्ट्रपति शासन क्यों लगाया गया?।"

कानून व्यवस्था में सुधार होगा

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "राज्य में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लागू होने से कानून व्यवस्था में सुधार होगा। हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं।"

प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें-जयराम रमेश 

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश कहते हैं, "10 फरवरी को कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही थी। उन्हें पता था कि मुख्यमंत्री ने अपने भाजपा सहयोगियों और एनडीए सहयोगियों का भी विश्वास खो दिया है। इसलिए, मुख्यमंत्री को 9 फरवरी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिर, पिछले सत्र से अगले सत्र तक छह महीने के भीतर, आपको छह महीने के भीतर अगला सत्र बुलाना होगा, जिसका कल उल्लंघन किया गया। और आज, उन्होंने राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी है। देखते हैं, हम अपने पार्टी सहयोगियों से बात करेंगे। हम आंतरिक बैठकें करेंगे। हमें मणिपुर में मध्यावधि चुनाव की मांग करनी चाहिए या नहीं, यह देखना बाकी है। हमें इस पर चर्चा करनी होगी। लेकिन हमारी तत्काल मांग है कि प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें।"

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